facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

Budget 2025: कुछ दवाओं और अक्षय ऊर्जा से जुड़े पुर्जों पर बढ़ सकता है सीमा शुल्क

31 मार्च 2025 के बाद पवन ऊर्जा और जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क बढ़ने की संभावना, मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा

Last Updated- January 23, 2025 | 10:55 PM IST
Natco pharma

आगामी वित्त वर्ष 2026 के बजट के बाद नवीकरणीय ऊर्जा व फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र के जैसे क्षेत्रों में कई वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) दरों में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इन पर इस साल 31 मार्च को छूट समाप्त हो रही है।

नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग के प्रमुख पुर्जों जैसे स्पेशल बेयरिंग, गियरबॉक्स, या कंपोनेंट्स, विंड टर्बाइन कंट्रोलर पर इस समय सीमा शुल्क में छूट मिलती है और यह 5 प्रतिशत कर के दायरे में आते हैं।

इनके अलावा जनरेटरों के रोटरों के लिए ब्लेडों के विनिर्माण और रखरखाव के लिए आवश्यक पुर्जों के साथ इन ब्लेडों और उनके अन्य पुर्जों के उत्पादन के लिए कच्चे माल को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है, और सभी पर समान रूप से 5 प्रतिशत शुल्क लगता है।

पीडब्ल्यूसी में पार्टनर हरिसूदन एम के मुताबिक सरकार 5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क की दर से कुछ तय पुर्जों पर सीमा शुल्क की रियायती दर के माध्यम उद्योग को समर्थन दे रही है। उन्होंने कहा, ‘उद्योग की ओर से किए गए अनुरोध को देखते हुए सरकार ने पवन ऊर्जा के बिजली जनरेटरों और ब्लेडों के तय किए गए पुर्जों पर 31 मार्च 2025 से रियायत वापस लेने की समय सीमा तय की है। इस स्थिति में इस तरह की छूट को और बढ़ाने की संभावना कम है। सरकार इन कंपोनेंट के लिए मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देना चाहती है, जिससे इन उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा मिल सके।’

दवा क्षेत्र में ग्लूकागन, डोपामाइन, सोमाट्रोपिन समेत करीब 100 दवाएं जिन पर 5 प्रतिशत रियायती शुल्क लगाया गया है, उन पर 31 मार्च 2025 को शुल्क रियायत समाप्त होने वाली है। उधर 70 से अधिक जीवन रक्षक दवाएं जिन पर शून्य बीसीडी दर है, उन पर भी शुल्क रियायत समाप्त होने वाली है।

ईवाई में पार्टनर सुरेश नायर ने कहा, ‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इन दवाओं पर छूट के प्रावधान को और आगे बढ़ाने पर विचार कर सकती है। इन दवाओं पर या तो बीसीडी से छूट है या कम शुल्क लगाया गया है। और इस स्थिति को बहाल रखे जाने का मामला बनता है।’

First Published - January 23, 2025 | 10:55 PM IST

संबंधित पोस्ट