वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिभूतियों को पूंजी संपत्ति के रूप में नए सिरे से वर्गीकृत करते हुए श्रेणी 1 और 2 में वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) को कर राहत देने की घोषणा की है। इस बदलाव से एआईएफ भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के समान हो जाएंगे।
वित्त मंत्री ने बजट घोषणाओं में कहा, ‘श्रेणी 1 और 2 वाले वैकल्पिक निवेश कोष बुनियादी ढांचा क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में निवेश कर सकेंगे। मैं इन इकाइयों को प्रतिभूतियों से होने वाले लाभ पर कराधान में निश्चितता लाने का प्रस्ताव करती हूं।’
एआईएफ एक तरह की निवेश इकाई होती है जिसके जरिये संस्थागत निवेशक और अति धनाढ्य निवेशक स्टार्टअप और रियल एस्टेट सहित विभिन्न तरह की संपत्तियों में निवेश करते हैं। प्रस्तावित संशोधन से एआईएफ को प्रतिभूतियों की बिक्री पर कारोबार से होने वाली आय के बजाय पूंजीगत लाभ की तरह कर देना होगा। इससे एआईएफ पर अनुपालन का बोझ कम होगा।
कर विशेषज्ञों के अनुसार इस कदम से एआईएफ की कर देनदारी घटकर पूंजीगत लाभ कर की दर के बराबर हो जाएगी जबकि अभी उन्हें 30 फीसदी या उससे ज्यादा की दर से कर चुकाना होता है। नांगिया एंडरसन में पार्टनर सुनील गिडवानी ने कहा, ‘एआईएफ 1 और 2 में निवेशकों को पूंजीगत लाभ, लाभांश या ब्याज के तौर पर फंड से होने वाली आय पर कर देना होगा।’
श्रेणी 2 वाला एआईएफ बड़ा सेगमेंट है और उसने 9.76 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर रखा है और 3.44 लाख करोड़ रुपये का कोष जुटाया है। उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से कोष प्रबंधकों और निवेशकों के लिए कारोबार करना आसान होगा और लंबे समय के लिए संस्थागत पूंजी आकर्षित करने में मदद मिलेगी। गाजा कैपिटल के गोपाल जैन ने कहा, ‘कराधान को स्पष्ट करके सरकार ने एआईएफ के कर पर अस्पष्टता को खत्म कर दिया है जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और संभावित मुकदमेबाजी में कमी आएगी।’