आम बजट सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमियों (MSME) की कई समस्याओं को दूर करने में मददगार हो सकता है। बजट से ऐसी एमएसएमई को बड़ी राहत मिल सकती है, जिन पर फंड की कमी से एनपीए होने का संकट रहता है क्योंकि इस बजट में एक ऐसा प्रावधान है, जो एमएसएमई को एनपीए होने से बचाने में मदद कर सकता है।
MSME को एनपीए होने से कैसे बचाएगा बजट?
फेडरेशन ऑफ माइक्रो, स्मॉल ऐंड मीडियम इंटरप्राइजेज (FISME) के महासचिव अनिल भारद्वाज ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगर कोई MSME 30 दिन तक अपने ऋण की मासिक किस्त (EMI) का मूल या ब्याज चुका नहीं पाती है तो उसके खाते को स्पेशल मेंशन अकाउंट (SMA) श्रेणी में डालकर MSME को संकट में मान लिया जाता है। 60 दिन तक भुगतान न होने पर खाते का संचालन रोक दिया जाता है, जबकि 90 दिन बाद उसे Non performing asset (NPA) घोषित कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि कई बार बाहरी कारणों जैसे रूस में युद्ध के कारण भुगतान अटकने से Msme के पास फंड का संकट पैदा हो गया। ऐसे में उसे ऋण की किस्त चुकाने में दिक्कत होगी। इन जैसे हालात में यह आम बजट Msme को संकट से बचाने में मददगार साबित हो सकता है क्योंकि इस बजट में संकट की अवधि के दौरान Msme को ऋण सहायता करने का प्रावधान किया गया है।
बजट में कहा गया है कि उनके नियंत्रण से बाहर के कारणों की वजह से SMA स्तर में होने पर Msme को अपना कारोबार जारी रखने और NPA स्तर में जाने से बचने के लिए ऋण की आवश्यकता होती है। ऐसे में सरकार सरकार एक फंड बनाएगी जिससे गारंटी देकर Msme को ऋण उपलब्ध कराने में सहायता करेगी।
चैंबर ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल ऐंड मीडियम इंटरप्राइजेज के अध्यक्ष मुकेश मोहन गुप्ता ने बजट में संकट के समय ऋण सहायता देने के प्रावधान को Msme को बड़ी राहत बताया। इससे उन्हें न केवल संकट के समय कर्ज की किस्त चुकाने में मदद मिलेगी, बल्कि कारोबार को बनाये रखने के लिए कार्यशील पूंजी की कमी को भी दूर कर सकते हैं।
Integrated Association of Micro, small & Medium Enterprises of India (IamSMEofIndia) के चेयरमैन राजीव चावला कहते हैं कि संकट के समय सरकार द्वारा ऋण के लिए गारंटी का प्रावधान बजट में करने से Msme को संकट से उबरने में मदद मिलेगी और वे अपने कारोबार बरकरार रख सकेंगी।