भारत की अनुसंधान क्षमता को मजबूत करने के लिए एक नई वित्तपोषण एजेंसी नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) के लिए केंद्रीय बजट में 2,000 करोड़ रुपये के आवंटन से इसके जल्द ही शुरू होने की उम्मीद जगी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NRF के लिए स्वतंत्र एजेंसी के रूप में नहीं, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के एक घटक के रूप में आवंटन की घोषणा की। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि NRF के लिए आवंटन DST के परिव्यय में निर्धारित किए गए, क्योंकि वित्तपोषण एजेंसी को अभी तक केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं मिली है।
DST सचिव श्रीवारी चंद्रशेखर ने बताया, ‘अत्याधुनिक विज्ञान, विशेष रूप से राज्य के विश्वविद्यालयों को वित्तपोषित करने के लिए यह सरकार की नयी योजना है।’ उन्होंने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल NRF के गठन के प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी दे देगा।
चंद्रशेखर ने कहा कि NRF की स्थापना की पहल सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा संचालित है और यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी हिस्सा है। केंद्रीय बजट में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 16,361.42 करोड़ रुपये का आवंटन मिला, जिसमें DST को 7,931.05 करोड़ रुपये मिले।
एक अधिकारी ने कहा, ‘इसमें NRF के लिए एक पेशेवर और व्यापक अनुसंधान ढांचे की तत्काल आवश्यकता को लेकर प्रावधान शामिल है। यह सभी संकाय और सभी तरह के संस्थानों में अच्छी गुणवत्ता के अनुसंधान को बढ़ावा देगा।’
उन्होंने कहा कि NRF का व्यापक लक्ष्य अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना, विकसित करना और साथ ही भारतीय विश्वविद्यालयों, कॉलेज और अनुसंधान संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना होगा।
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DST के अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में जैव प्रौद्योगिकी विभाग और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग शामिल हैं, जिन्हें क्रमशः 2,683.86 करोड़ रुपये और 5,746.51 करोड़ रुपये मिले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार जनवरी 2019 में भारतीय विज्ञान कांग्रेस को अपने संबोधन में NRF की स्थापना का विचार दिया और उस वर्ष केंद्रीय बजट में इसका उल्लेख किया गया था। वर्ष 2021 में, वित्त मंत्री ने NRF के लिए पांच साल की अवधि में 50,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव रखा।