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बासमती को पेटेंट उल्लंघन से बचाने का अधिकार एपीडा को

Last Updated- December 06, 2022 | 11:43 PM IST

सरकार ने बासमती चावल और अन्य कृषि व बागवानी उत्पादों को दुनिया के किसी भी हिस्से में पेटेंट से बचाने के लिए कृषि निर्यात प्रोत्साहन एजेंसी को और अधिकार प्रदान करने का निर्णय लिया है।


कैबिनेट ने गुरुवार को कृषि एवं प्रसंस्करित खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) कानून में संशोधन को स्वीकार कर लिया है। इससे एपीडा उत्पादों के भौगोलिक क्षेत्र यानी जीआई के प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए पेटेंट से इनका बचाव कर सकेगा।


कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि  एपीडा इन उत्पादों को जीआई के तहत पंजीकृत करेगा और अपने बौद्धिक संपदा अधिकार की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बासमती आईपीआर के अंतर्गत विशिष्ट उत्पाद की श्रेणी में आती है, लेकिन इस सूची में और भी उत्पादों को शामिल किया जाएगा।


कानून के पारित हो जाने के बाद एपीडा पूरे विश्व में इन उत्पादों के मामले में होने वाले किसी भी उल्लंघन के खिलाफ मुकदमा लड़ सकेगा। एक व्यापार विशेषज्ञ ने बताया अगर बासमती को भारत में जीआई के तहत पंजीकृत कर लिया जाता है तो इसे पूरे विश्व में कहीं भी नहीं उपजाया जा सकता है।

First Published - May 15, 2008 | 10:31 PM IST

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