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स्कोडाः मेड इन इंडिया ईवी पर काम

'ये कारें न केवल भारत के लिए होंगी बल्कि इसे दुनिया भर के बाजारों के लिए भारत में बनाया जाएगा।

Last Updated- April 17, 2025 | 10:26 PM IST
Skoda के लिए यूरोप के बाहर भारत सबसे महत्वपूर्ण बाजार : CEO Klaus Zellmer, India is the most important market outside Europe for Skoda: CEO Klaus Zellmer
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चेक रिपब्लिक की दिग्गज वाहन कंपनी स्कोडा ऑटो इंडिया का कहना है कि वह भारत में बने अपने इलेक्ट्रिक वाहन को दुनिया भर में निर्यात करना चाहती है। हाल ही में अपने कॉम्पैक्ट एसयूवी काइलैक की सफलता का स्वाद चखने वाली वाहन कंपनी ने कहा है कि वह भारत और निर्यात बाजार के लिए चाकण में अपना इलेक्ट्रिक वाहन बनाएगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुल्क को लेकर जारी मौजूदा अनिश्चितता अथवा केंद्र सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति से इसमें किसी तरह की बाधा नहीं होगी।

बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में स्कोडा ऑटो इंडिया के ब्रांड निदेशक पेट्र जेनेबा ने कहा, ‘हम देश में अपने वाहन पोर्टफोलियो को बढ़ाना चाहते हैं। हम अपने दम पर नई उत्पादन सुविधा (इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए) में निवेश करने को प्रतिबद्ध हैं। हमारे पास दो सेट बैटरी के साथ 4.5 मीटर लंबी ईवी है। अभी प्लेटफॉर्म तय हो गया है, लेकिन वाहन पर काम चल रहा है। यह ऐसी अनूठी कार होगी जो हमारे पास यूरोप में भी नहीं है।’

जेनेबा ने कहा कि यूरोप के लिए ईवी में सात कारें होंगी और उनकी कीमत 20,000 यूरो से शुरू होंगी। इसलिए यह हमारी कॉम्प्लिमेंट्री कार होगी जो स्कोडा के वैश्विक ईवी पोर्टफोलियो को पूरा करेगी। उन्होंने कहा, ‘ये कारें न केवल भारत के लिए होंगी बल्कि इसे दुनिया भर के बाजारों के लिए भारत में बनाया जाएगा। कितना निवेश करना है और कितनी क्षमता होगी, इसका निर्णय अभी नहीं लिया गया है और यह अभी शुरुआती चरण में है।’

अभी आने वाले कैफे-3 नियमों पर भी स्कोडा की नजर है। मगर जेनेबा ने इस बात पर जोर दिया कि शुल्क को लेकर अभी चल रही अनिश्चितता और आकार ले रही इलेक्ट्रिक वाहन नीति से भी स्कोडा के फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसमें स्थानीय स्तर पर चाकण में इलेक्ट्रिक वाहन बनेंगे और दुनिया भर में निर्यात होगा।

हाल ही में पेश की गई काइलैक (बुकिंग दिसंबर में शुरू हुई) का 15,000 से अधिक ग्राहक इंतजार कर रहे हैं और फिलहाल हर महीने इसकी 500 नई बुकिंग हो रही है। कुछ वेरिएंट के लिए ग्राहकों को छह महीने तक इंतजार करना पड़ रहा है। फिलहाल सड़कों पर करीब 10,000 कारें हैं।

स्कोडा ऑटो इंडिया की गाड़ियों की बढ़ती मांग की एक वजह यह भी है कि कंपनी तेजी से अपना नेटवर्क बढ़ा रही है और मार्च के अंत तक स्कोडा के 280 टच पॉइंट थे, जिसके सितंबर तक 350 होने की उम्मीद है।

First Published - April 17, 2025 | 10:22 PM IST

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