भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने हाल ही में एक नई नीति बनाई है। इस नीति के तहत जो कंपनियां कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश कर के तीन साल के अंदर देश में ही कारखाना लगाएंगी, उन्हें इलेक्ट्रिक गाड़ियों के आयात शुल्क पर छूट मिलेगी।
सूत्रों की मानें तो टाटा मोटर्स इस नीति का फायदा उठाकर अपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR) ब्रांड की इलेक्ट्रिक कारों को आयात करके बेचने की योजना बना रही है। अगर ये योजना सफल होती है तो टाटा मोटर्स भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने वाली पहली घरेलू कार निर्माता कंपनी बन जाएगी। हालांकि, टाटा मोटर्स ने अभी तक इस खबर पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
हालांकि पहले टाटा ने आयात शुल्क कम करने के लिए सरकार का विरोध किया था, लेकिन अब कंपनी इस नई नीति के तहत प्रोत्साहन पाने की संभावना पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक यह विचार-विमर्श अभी शुरुआती चरण में है। योजना के अनुसार टाटा भविष्य में भारत में ही JLR इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण भी करेगी। इसके लिए कंपनी ने दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में 1 बिलियन डॉलर के निवेश से एक नए कारखाने की स्थापना की भी योजना बनाई है। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वहां कौन सी JLR कारें बनाई जाएंगी।
भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई अपनी नीति पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को कार निर्माताओं के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में हुंडई, विनफास्ट, फॉक्सवैगन जैसी बड़ी विदेशी कंपनियों के अलावा टाटा, मारुति सुजुकी, महिंद्रा जैसी भारतीय कंपनियों और टेस्ला के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री को 30% तक बढ़ाना है। फिलहाल भारत के कुल कार बाजार में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की हिस्सेदारी सिर्फ 2% है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)