ऐसे समय में जब उद्योग को वाणिज्यिक वाहन बिक्री पर चुनावों का असर पड़ने की आशंका नजर आ रही है, अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी शेनु अग्रवाल का मानना है कि यह क्षेत्र इस वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
शाइन जैकब के साथ विशेष बातचीत में अग्रवाल ने कंपनी के पूंजीगत खर्च, ईवी क्षेत्र की कंपनी स्विच में रकम जुटाने की योजनाओं और बस बिक्री में वृद्धि के बारे में भी चर्चा की। प्रमुख अंश …
आशंका जताई जा रही थी कि लोकसभा चुनाव के कारण वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री प्रभावित होगी। असलियत में रुझान क्या हैं?
दिसंबर-जनवरी के आसपास यह व्यापक धारणा थी कि अधिक आधार का कुछ असर पड़ेगा, नकारात्मक चक्र और चुनावों के असर की वजह से उद्योग में कुछ कमी आएगी। उद्योग में आम धारणा यह थी कि पहली छमाही में 10 से 15 प्रतिशत के बीच कुछ गिरावट देखी जा सकती है।
कुछ रिपोर्टों की राय थी कि कुल मिलाकर इस वर्ष के दौरान उद्योग चार से सात प्रतिशत के दायरे में घट सकता है। अशोक लीलैंड का विचार था कि उद्योग में गिरावट का कोई बड़ा संकेत नहीं है। अप्रैल में हमने अपने खुद के वॉल्यूम में 10 प्रतिशत का इजाफा देखा। इस वृद्धि के साथ-साथ बाजार से हम जो सुन रहे हैं, उससे हमें लगता है कि बाजार पर चुनावों का कोई असर नहीं है।
पूरे वर्ष के लिए बिक्री को लेकर आपका नजरिया क्या है?
वित्त वर्ष 25 में चार से सात प्रतिशत गिरावट के उद्योग के एकमत नजरिये के विपरीत हमारा ज्यादा सकारात्मक नजरिया है। इस बात की संभावना है कि उद्योग सपाट रहे और यह भी हो सकता है कि अगर मई-जून अच्छा रहे तो हमें छोटी वृद्धि भी देखने को मिल सकती है। मैं जमीनी हिसाब से अपनी बात कह रहा हूं।
अप्रैल में आपकी बस बिक्री 171 प्रतिशत तक बढ़ी। इसकी क्या वजह थी?
वित्त वर्ष 23 में भी बस बाजार में खासा इजाफा देखा गया था। बस श्रेणी में यह रुख जारी रहेगा। कोविड के बाद अचानक बढ़ी हुई मांग अब भी बरकरार है। राज्य रोडवेजों की मांग उनके पुराने बेड़े के कारण है और अब तो निजी मांग भी आ रही है।
यह हमारे पक्ष में है क्योंकि हम बस बाजार में अग्रणी हैं। वित्त वर्ष 23 में बसों में हमारी बाजार हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 24 में हम इसे बढ़ाकर 38 प्रतिशत तक करने में कामयाब रहे हैं।
वित्त वर्ष 25 के लिए आपकी पूंजीगत व्यय की क्या योजनाएं हैं? क्या आप अब भी स्विच जैसी अपनी सहायक कंपनियों में फंडिंग की तलाश कर रहे हैं?
अशोक लीलैंड में पूंजीगत व्यय काफी स्थिर है। आम तौर पर हम हर साल करीब 500 करोड़ से 700 करोड़ रुपये खर्च करते हैं। हम इस वर्ष भी इसी तरह की राशि की उम्मीद कर रहे हैं। इसमें स्विच मोबिलिटी या ओम ग्लोबल मोबिलिटी प्राइवेट (ओएचएम) में निवेश शामिल नहीं होगा। पिछले साल हमने स्विच में 1,200 करोड़ रुपये और ओएचएम में लगभग 300 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
फेम योजना को आपकी श्रेणी के लिए विस्तार नहीं मिला। क्या इससे इस क्षेत्र पर असर पड़ा है?
मुझे नहीं लगता कि नीतिगत मोर्चे पर कोई अस्थिरता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि सरकार फेम-2 की समाप्ति से पहले फेम-3 योजना नहीं ला सकी। अंतरिम योजनाओं में कार या वाणिज्यिक वाहन शामिल नहीं थे। हमें पूरा यकीन है कि सरकार इस बात पर काफी गंभीरता से विचार कर रही है और नई सरकार आने के बाद फेम-3 जुलाई या अगस्त तक आ जाएगी।