मंगलवार को समाप्त हो रहे मौजूदा कैलेंडर वर्ष में वाहन उद्योग कठिन परीक्षा के दौर से गुजरा है। इस दौरान उसकी वृद्धि दर धीमी रही है। यह अनिश्चितता भी बनी हुई है कि पेट्रोल-डीजल इंजन (आईसीई) की जगह इलेक्ट्रिक लेगी या हाइब्रिड। हो सकता है कि वर्ष 2025 में तुरंत ही इस सवाल का जवाब नहीं मिले। लेकिन मारुति सुजूकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमऐंडएम), ह्युंडै और एमजी मोटर्स जैसी प्रमुख यात्री वाहन निर्माता कंपनियों ने भारतीय बाजार के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की एक श्रृंखला तैयार कर ली है।
सीधे से कहें तो इसका मतलब है, रिटेल बाजार में करीब 50 फीसदी बाजार भागीदारी रखने वाली बाजार दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ना। ऐसे में सवाल यह है कि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा चिंतित क्यों नहीं हैं? दरअसल, चंद्रा आगे की ओर देख रहे हैं।
उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘जब कोई बड़ा उद्योग बढ़ रहा होता है तो नई तकनीक का प्रदर्शन अच्छा होता है। जब रुझान अच्छे नहीं होते हैं तो लोग आमतौर पर तकनीक के साथ प्रयोग नहीं करते हैं।’ ईवी बाजार 2024 के ज्यादातर समय तक स्थिर बना रहा। संपूर्ण यात्री वाहन उद्योग में भी बहुत अधिक वृद्धि नहीं हुई।
घटती बाजार भागीदारी
हाल के महीनों में जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर्स और बीवाईडी जैसी कंपनियों ने भारत के लगभग 100,000 इलेक्ट्रिक यात्री वाहन वाले बाजार में अपनी बिक्री बढ़ाई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के शोध के अनुसार टाटा मोटर्स की खुदरा बाजार हिस्सेदारी जनवरी के 68.2 प्रतिशत से घटकर नवंबर में 48 प्रतिशत रह गई।
मुंबई की इस वाहन दिग्गज को भरोसा है कि जैसे-जैसे बाजार का विस्तार होगा और नई कंपनियां इसमें शामिल होंगी, उसकी बिक्री में भी इजाफा होगा। टाटा मोटर्स सबसे पहले इस क्षेत्र में उतरी। उसने पिछले पांच साल में ईवी वाहनों का अपना पोर्टफोलियो बढ़ाया है और टियागो, पंच, नेक्सन तथा हाल में कर्व को पेश किया है। उसने अक्तूबर 2019 में टिगोर ईवी से शुरुआत की थी।
चंद्रा का मानना है कि अन्य कंपनियों की नई पेशकशों के साथ ही ईवी से संबंधित मार्केटिंग अभियान चलाए जाएंगे। अल्पावधि में की जाने वाली नई पेशकशों में से लगभग 50 से 60 प्रतिशत ईवी से जुड़ी होंगी और उसके बाद बाजार का विस्तार होगा। मारुति सुजूकी अगले साल अपनी पहली ईवी ईविटारा उतारने की उम्मीद कर रही है। यह वैश्विक बाजारों के लिए भारत में निर्मित कार होगी। जेएसडब्ल्यू एमजी साइबरस्टार पेश करने की योजना बना रही है।
ह्युंडै इलेक्ट्रिक क्रेटा पेश करने की तैयारी कर रही है। एमऐंडएम अपनी बीई6 और एक्सईवी9ई लाने के लिए तैयार है। दूसरी ओर, टाटा मोटर्स सिएरा और हैरियर ईवी के साथ अपना पोर्टफोलियो और मजबूत करने को तैयार है। लेकिन, अहम सवाल यह है कि क्या नए इलेक्ट्रिक वाहनों के आने से कीमतें कम होंगी। विश्लेषकों का मानना है कि 2025 टाटा मोटर्स के लिए पीवी वृद्धि में सुधार वाला वर्ष होगा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में कहा था कि नए मॉडल पेश किए जाने की वजह से कंपनी की पीवी में वृद्धि की उम्मीद है।
रेंज पर नजर
एमऐंडएम के दो नए ईवी के बारे में एक बार चार्ज करने पर 550 किलोमीटर से ज्यादा चलने का दावा किया गया है। टाटा मोटर्स 489 किलोमीटर की रेंज के साथ 45 किलोमीटर प्रति घंटे (केडब्ल्यूएच) वाली नेक्सन ईवी पहले ही पेश कर चुकी है जो उसकी पिछली 325 किलोमीटर रेंज से काफी ज्यादा है।
ईवी बिक्री
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में टाटा मोटर्स की ईवी बिक्री को दबाव का सामना करना पड़ा क्योंकि फेम-2 की समाप्ति से यह क्षेत्र प्रभावित हुआ जो इसकी बिक्री का लगभग 20 प्रतिशत था। कंपनी का कहना है कि इस सेगमेंट में मांग सुधरेगी,क्योंकि वह सब्सिडी वापस लिए जाने के बाद मूल्य अंतर (जो लगभग 2.5 लाख रुपये था) को कम करने में सफल रही है। विश्लेषकों का कहना है कि बैटरी सेल की कीमतों में कमी से वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में ईवी व्यवसाय मार्जिन नुकसान (प्रोडक्ट डेवलपमेंट एक्सपेंस सहित) लगभग 5 प्रतिशत था।