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दिल्ली उच्च न्यायालय ने टेस्ला पावर इंडिया को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने या बेचने या ‘टेस्ला’ शब्द का इस्तेमाल करने से सोमवार को रोक दिया। न्यायालय ने कहा कि जब तक ईलॉन मस्क के स्वामित्व वाली टेस्ला इंक के ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुकदमे का निपटारा नहीं हो जाता तब तक यह रोक लगी रहेगी। इस आदेश की विस्तृत जानकारी अभी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
मस्क की टेस्ला ने मई 2024 में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गुरुग्राम की कंपनी टेस्ला पावर इंडिया को उसके इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टेस्ला ट्रेडमार्क इस्तेमाल करने से रोकने का अनुरोध किया था। टेस्ला ने तब अदालत से कहा था कि टेस्ला पावर इंडिया ने अखबारों में विज्ञापन भी दिए हैं, जिनमें ईवी बाजार में उतरने की घोषणा की गई है।
याचिका में टेस्ला ने न्यायालय से अप्रैल 2022 में भारत में टेस्ला के साथ-साथ इसके समकक्ष टेस्ला पावर यूएसए के खिलाफ ‘विराम एवं निषेध जारी’ करने का आग्रह किया था। मस्क की टेस्ला ने तर्क दिया था कि इंडिया टेस्ला पावर ने अमेरिका में भी टेस्ला ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर अपने सामान का विज्ञापन और विपणन जारी रखा।
टेस्ला पावर इंडिया के मालिक न्यायालय में पेश हुए और वादा किया कि उनका ईवी बनाने का कोई इरादा नहीं है और वे ‘टेस्ला पावर यूएसए’ या ‘टेस्ला’ शब्द के समान किसी भी भ्रामक ब्रांड के तहत अन्य संस्थाओं के इलेक्ट्रिक वाहनों का विपणन नहीं करेंगे। हालांकि, बाद में सुनवाई के दौरान मस्क की टेस्ला ने आरोप लगाया कि भारतीय इकाई ने टेस्ला ब्रांड नाम के तहत ई-स्कूटर बनाना शुरू कर दिया है।
इसके बाद अदालत ने पिछले साल मई में टेस्ला इंडिया को एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा जिसमें उनके द्वारा बेचे जाने वाले ईवी का खुलासा किया गया था। न्यायाधीश तेजस कारिया के एकल पीठ ने तब गुरुग्राम स्थित कंपनी से उन डीलरों के नाम भी बताने के लिए कहा था जिनके माध्यम से इन्हें बेचा जाता है। इसके साथ ही इन ईवी के बाजार में उतारने की तारीख, उतारने के बाद बिक्री और उनके पास उपलब्ध वाहनों की संख्या भी बताने के लिए कहा था।