विदेशी फंडिंग पर सरकार की पैनी नजर: NGOs की मुश्किलें बढ़ीं, जांच में तेजी
सरकार ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तहत विदेशी धन प्राप्त करने वाले संगठनों की जांच तेज कर दी है। इसके कारण हाल के वर्षों में बड़ी तादाद में लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इससे सिविल सोसाइटी समूहों, गैर-सरकारी संगठनों और नीतिगत संस्थानों के बीच काफी चिंता दिख रही है। उन्हें अब एफसीआरए की […]
महिला प्रीमियर लीग की बढ़ती चमक, लेकिन खेलों में लैंगिक भेदभाव बरकरार
एक तरफ आईपीएल का खुमार चरम पर है, दूसरी ओर बीते 15 मार्च को ही मुंबई इंडियंस ने दिल्ली कैपिटल्स को आठ रनों से हराकर महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) का खिताब अपने नाम किया। मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेला गया फाइनल मैच ही नहीं, इस लीग के अन्य मुकाबले भी बेहद करीबी रहे, जिससे […]
लॉकडाउन के 5 साल: भविष्य के किसी स्वास्थ्य संकट के लिए कितना तैयार भारत
आज से पांच साल पहले 25 मार्च, 2020 को भारत में कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई थी। लॉकडाउन के कारण पूरा देश थम सा गया था। मगर कोविड वैश्विक महामारी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था के लिए एक परीक्षा भी थी। उसने स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की […]
Foreign Funding: हजारों संगठनों पर गिरी गाज, सरकार ने विदेशी फंडिंग पर कसा शिकंजा
सरकार ने विदेशी फंडिंग प्राप्त करने वाले संगठनों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम यानी FCRA के तहत लाइसेंस प्राप्त संगठनों के रिन्यूअल और नए रजिस्ट्रेशन में अब पहले से ज्यादा सख्ती देखी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में संगठनों के FCRA लाइसेंस रद्द किए गए […]
सदन में महिलाओं की उचित भागीदारी के लिए कैसे अभी लंबा सफर करना होगा? आंकड़ों से समझिए
हाल ही में रेखा गुप्ता के दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर छिड़ी बहस फिर आगे बढ़ी है। इस पद को संभालने वाली वह राष्ट्रीय राजधानी की चौथी और देशभर में 18वीं महिला हैं। उनका यहां तक पहुंचना एक अहम पड़ाव है लेकिन यह राजनीति में लिंग आधारित प्रतिनिधित्व […]
Yamuna pollution: अकेली दिल्ली नहीं, यमुना में प्रदूषण के कई राज्य जिम्मेदार
उत्तर भारत में लाखों लोगों को आजीविका कमाने में मददगार यमुना नदी गंभीर प्रदूषण के संकट से जूझ रही है। अक्सर कहा जाता है कि नई दिल्ली में प्रवेश के साथ ही इस जीवनदायिनी नदी के पानी में जहर घुलना शुरू हो जाता है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। आंकड़ों से पता चलता […]
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 साल पूरे, लेकिन बेटियों की राह में खड़े अभी चुनौतियों के कई पहाड़
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा’ लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रतीक बन चुका है। खास कर सार्वजनिक स्थलों और विभिन्न अभियानों में यह नारा खूब दिखाई और सुनाई देता है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा में शुरू किया था। इसका उद्देश्य बच्चियों को बेहतर जिंदगी, शिक्षा, […]
Economic survey 2024-25: घट गई नौकरीपेशा और खुद का बिजनेस करने वालों की कमाई, आंकड़े जानकर चौंक जाएंगे आप
संसद में पेश हुए आर्थिक सर्वे 2024-25 ने एक बड़ी सच्चाई सामने रखी है। बीते कुछ सालों में जहां महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी, वहीं आम लोगों की वास्तविक मासिक कमाई में कमी दर्ज की गई है। खासतौर पर स्व-रोजगार करने वालों और वेतनभोगी कर्मचारियों की आय पर इसका गहरा असर पड़ा है। स्व-रोजगार में बड़ा […]
Delhi Election: समाज कल्याण की योजनाओं पर जोर से दरक रहा शहर का बुनियादी ढांचा
Delhi Election: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राजनीतिक उठापटक ‘रेवड़ी संस्कृति’ को बढ़ावा देने के लिए अक्सर बदनाम रही है। इसकी ठोस वजह भी है क्योंकि ‘रेवड़ी संस्कृति’ सभी राजनीतिक दलों के चुनावी वादों के नस-नस में समा गई है। रेवड़ी संस्कृति यानी चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए जनता से किए जाने वाले लोकलुभावन […]
ऑटो क्षेत्र में महिलाएं: वेतन कम, चोट का खतरा अधिक
पिछले पांच वर्षों के दौरान ऑटो क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को चोट लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। सबसे ज्यादा मामले काम के दौरान उंगलियां कटने या दबाव पड़ने पर उनके पंजे से अलग होने के सामने आए हैं। सेफ इन इंडिया फाउंडेशन (एसआईआईएफ) की हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 […]