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लेखक : राजेश्वरी सेनगुप्ता

आज का अखबार, लेख

रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की भविष्य की दिशा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी पिछली नीतिगत बैठक में, सीमा-पार व्यापार में रुपये के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की पेशकश की जो इसके धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था की मुद्रा भी वैश्विक स्तर पर एक अहम दर्जा हासिल कर सकती है, […]

आज का अखबार, लेख

भारत की जीडीपी डेटा की अनंत कहानी: आंकड़ों के पीछे के असली तथ्य

ज्यादातर देशों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े नियमित अंतराल पर जारी होते रहते हैं। मगर भारत में एक खास बात यह है कि उनके जारी होते ही बहस छिड़ जाती है। जीडीपी की नई श्रृंखला जारी होने के एक दशक बाद इसकी विश्वसनीयता को लेकर अब भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इसकी […]

आज का अखबार, लेख

ट्रंप का टैरिफ झटका: भारत के लिए चेतावनी, चुनौतियां बढ़ीं; सरकार को नए कदम उठाने होंगे

भारतीय निर्यात पर अब अमेरिका में 50 फीसदी का आयात शुल्क (टैरिफ) लग रहा है। यह दुनिया के लगभग किसी भी अन्य देश की तुलना में एक बड़ी बाधा है। नतीजतन, सरकार को यह विचार करना होगा कि इससे कैसे निपटा जाए। हालांकि सरकार को राजनीतिक पहलुओं को भी ध्यान में रखना होगा, लेकिन आर्थिक […]

आज का अखबार, लेख

Trade war: वैश्विक विनिर्माण आकर्षित करने का भारत के लिए दूसरा मौका

किसी अन्य देश की तरह ही भारत भी वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ वस्तुओं, सेवाओं और वित्तीय आदान-प्रदान के माध्यम से जुड़ता है। भारत ने सेवा और वित्तीय क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन किया है और अब इसके पास वैश्विक वस्तु व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरने का मौका है। इसके कारण भारत की […]

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डंपिंग रोधी शुल्क: घरेलू उद्योग की रक्षा या वैश्विक व्यापार से दूरी?

पिछले कई वर्षों से भारत सहित दुनिया के कई देश चीन से आयातित सस्ते सामान से अपने स्थानीय उद्योगों को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित रहे हैं। अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के कारण हाल में यह चिंता और बढ़ गई है। 16 जून तक अमेरिका ने चीन के आयात पर […]

आज का अखबार, लेख

ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (IBC) की साख कसौटी पर

भूषण पावर ऐंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) मामले में उच्चतम न्यायालय के हालिया निर्णय के बाद स्थिति काफी जटिल हो गई है। कंपनी की समाधान योजना मंजूर होने के पांच वर्षों बाद उच्चतम न्यायालय ने इसके कारोबार का परिसमापन करने का आदेश दिया है। शीर्ष न्यायालय के इस निर्णय से भारत का वित्तीय क्षेत्र भी सदमे […]

आज का अखबार, लेख

शुल्क जंग के बीच जीडीपी वृद्धि पर रहे ध्यान

गुजरते समय के साथ अमेरिकी शुल्क (टैरिफ) से वैश्विक स्तर पर टैरिफ युद्ध की जो स्थिति बनती जा रही है उसका नतीजा अनिश्चित दिख रहा है। हालांकि, एक बात तो स्पष्ट है कि इसका भारत पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में नीति निर्माताओं को वृद्धि में होने वाले नुकसान को कम करने और इस झटके […]

आज का अखबार, लेख

सब कुछ नहीं बताते जीडीपी के आंकड़े

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हाल में आए आंकड़े बता रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था सुधर रही है। इनके मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.6 प्रतिशत रही आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर में बढ़कर 6.2 प्रतिशत हो गई और जनवरी-मार्च में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वृद्धि दर ऐसे ही बढ़ी तो भारत दुनिया की […]

आज का अखबार, लेख

रिजर्व बैंक के लक्ष्यों में दिख रहा विरोधाभास

गत वर्ष नवंबर से भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉलर के मुकाबले रुपये को कमजोर होने दिया है। इसके साथ ही उसने करीब दो सालों से रुपये को मिल रहा सहारा भी खत्म कर दिया। लेकिन विदेशी विनिमय बाजार में उसका हस्तक्षेप जारी रहा है ताकि रुपये को एक हद से नीचे नहीं गिरने दिया जाए। […]

आज का अखबार, लेख

देश को बड़े सुधारों वाले बजट की जरूरत

वित्त वर्ष 2025-26 का बजट इसी हफ्ते पेश होना है। यह बजट ऐसे माहौल में आ रहा है, जब देश की अर्थव्यवस्था सुस्त दिख रही है और राजकोषीय घाटे एवं कर्ज दोनों ने सरकार का सिरदर्द बढ़ा दिया है। ऐसे में मंत्री को उन नीतिगत उपायों की गुंजाइश तलाशनी होगी, जिनसे आर्थिक वृद्धि तेज हो […]