GST में दो चरणों वाले सुधार की दरकार: शार्ट टर्म में मांग को बढ़ावा और लॉन्ग टर्म में दरों में समायोजन
भारत के कारोबारी जगत के मौजूदा आर्थिक माहौल के बीच ही इसे एक और झटका लगा है। अमेरिकी सरकार द्वारा घोषित दंडात्मक शुल्क 27 अगस्त से लागू हो गए हैं। इसके तहत भारत के विभिन्न तरह के निर्यात पर 50 फीसदी का आयात शुल्क लगाया गया है। इन शुल्कों का प्रभाव वस्त्र, जूते-चप्पल, रत्न एवं […]
भारत का GST अब दोराहे पर: सुधार के लिए क्या हैं विकल्प और समाधान
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधारों के अगले चरण को लेकर काफी उम्मीदें की जा रही हैं। ऐसी जानकारी आ रही है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने जीएसटी में बदलाव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब जीएसटी परिषद में इस पर चर्चा होने के साथ ही निर्णय लिए जाएंगे। यह वास्तव में राजस्व […]
व्यक्तिगत आय कर संग्रह में वृद्धि उत्साहजनक, लेकिन टिकाऊपन पर संशय
गत 19 जून तक के प्रत्यक्ष कर संग्रह से संबंधित हालिया प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक संग्रह में नरमी आई है। जानकारी के मुताबिक विशुद्ध कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष के कर संग्रह की तुलना में 1.39 फीसदी कम है। यह कमी कॉरपोरेशन कर संग्रह में कमी की बदौलत आई है। क्या यह अल्पावधि का उतारचढ़ाव […]
भ्रामक हो सकती है देशों के कर अंतर की तुलना
देश में राजकोषीय नीति पर चर्चा के दौरान इस बात पर लगातार जोर दिया जाता है कि देश का कर और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात बढ़ाने की जरूरत है। होने वाली नीतिगत चर्चाओं में लगातार इस बात पर जोर दिया जाता है कि देश के कर-सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात में सुधार करने की […]
अनिश्चितता के बीच भारत के समक्ष विकल्प
टैरिफ को लेकर उभरते नए परिदृश्य की वजह से वैश्विक आर्थिक माहौल में अनिश्चितता का एक नया पहलू शामिल हो गया है। टैरिफ इस समय चल रही द्विपक्षीय वार्ताओं के केंद्र में हैं। ऐसे में यह पड़ताल करना उपयोगी होगा कि भारत पर इसका क्या प्रभाव हो सकता है। हम अर्थव्यवस्था के साथ-साथ राजकोषीय स्तर […]
भरपूर धन के बाद भी सतत विकास में चुनौती
भारत ने सतत विकास के लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक में अच्छी प्रगति की है। विभिन्न देश संयुक्त राष्ट्र के टिकाऊ विकास के लक्ष्यों की दिशा में जितनी अधिक उपलब्धि हासिल करते हैं, सूचकांक पर उनकी रैंकिंग उतनी ही बेहतर होती जाती है। भारत ने 2018 में इसमें 57 अंक मिले थे, जो 2023-24 में बढ़कर 71 […]
बदलाव के इंतजार में जीएसटी व्यवस्था
सात वर्षों से अधिक का सफर तय करने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था ऐसे मोड़ पर पहुंच रही है, जहां इसके ढांचे में ही बदलाव करने पर बातचीत की जानी चाहिए। सरकार ने मुआवजा देने का अपना वादा पूरा करने के लिए कोविड-19 महामारी के बाद लगातार कर्ज लिए हैं, जिन्हें नवंबर […]
गैर बैंकिंग कंपनियों का वित्तीय निवेश
आय कर रिटर्न में नजर आने वाला समग्र कॉर्पोरेट डेटा दिखाता है कि अर्थव्यवस्था के इस वर्ग की आय की संरचना में एक व्यवस्थित बदलाव आया है। अब इसमें कारोबारी आय कम हो रही है जबकि अन्य परोक्ष आय मसलन पूंजीगत लाभ और अन्य प्रकार की आय बढ़ रही है। इस रुझान को थोड़ा और […]
कंपनियों का प्रतिफल और परोक्ष आय
कंपनियों का भौतिक परिसंपत्तियों में निवेश के बजाय वित्तीय निवेश को तरजीह देना चिंता का विषय है। समझा रही हैं आर कविता राव भारतीय अर्थव्यवस्था को पिछले कुछ वर्षों में कई झटकों का सामना करना पड़ा है। इनमें रणनीतिक और बाहरी दोनों तरह के झटके शामिल हैं। तर्क दिया जाता है कि इनका अर्थव्यवस्था की […]
GST के बाद राज्यों में राजस्व असमानता, एकीकरण की धीमी प्रगति और अलग-अलग रुझान
राजस्व के मामले में विभिन्न राज्यों के प्रदर्शन में अंतर पर अक्सर बहस चलती रहती है। उत्पादन करने वाले राज्य को कर दिलाने वाली पुरानी मूल्यवर्द्धित कर (वैट) व्यवस्था से हम वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था तक आ गए, जहां कर वह राज्य वसूलता है, जहां माल बिकता है। पुरानी व्यवस्था में दो राज्यों […]