माइक्रोप्लास्टिक के खतरे को समझना जरूरी
सिंथेटिक प्लास्टिक का इतिहास 19वीं सदी के मध्य से शुरू होता है। किसी भी आविष्कार की तरह सिंथेटिक प्लास्टिक की खोज कुछ समस्याओं का समाधान खोजने के मकसद से शुरू हुई थी। दरअसल उस दौर में कछुए के खोल और हाथी दांत की उपलब्धता कम होने लगी थी जिनका इस्तेमाल 19वीं सदी में मुख्य रूप […]
ग्रीन हाइड्रोजन का भविष्य और चुनौतियां
स्वच्छ ऊर्जा बदलाव की वैश्विक यात्रा में हरित हाइड्रोजन बहुत बड़ी उम्मीद के रूप में उभर कर सामने आई है। अपनी उच्च घनत्व ऊर्जा क्षमता के साथ हाइड्रोजन उन सभी उद्योगों में बहुत अच्छी तरह काम कर सकती है, जिनमें प्राकृतिक अथवा तरलीकृत पेट्रोलियम गैस का इस्तेमाल होता है। खास बात यह है कि जब […]
GenAI मॉडल के कारण भविष्य में बढ़ेगा कॉपीराइट का झंझट
वर्ष 2023 के खत्म होने से ठीक पहले न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) ने सिलिकॉन वैली के जेनेरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेनएआई) के पैरोकारों को झटका देते हुए ओपनएआई और उसकी प्रमुख सहयोगी साझेदार कंपनी माइक्रोसॉफ्ट पर कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। उसने इस मामले में विस्तृत ब्योरा भी मुहैया कराया है। एनवाईटी ने […]
कॉप28 और कोयले से जुड़े सवाल
दुबई में आयोजित कॉप28 वैश्विक शिखर सम्मेलन में 100 से अधिक देशों ने वैश्विक नवीकरणीय और ऊर्जा क्षमता संकल्प पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा की वैश्विक क्षमता को तीन गुना बढ़ाकर 11,000 गीगावॉट तक करना एवं ऊर्जा दक्षता में सुधार करते हुए इसकी वैश्विक औसत वार्षिक दर दोगुना करना […]
जेनरेटिव AI: वैश्विक स्तर पर नियमन हो
जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेनरेटिव एआई) इतना प्रभावशाली है कि इसका विकास एकदम स्वतंत्र तरीके से किए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह ऐसा मुद्दा है जिस पर अधिकांश लोग सहमत हैं। डीप लर्निंग के प्रणेता जेफ्री हिंटन और ओपनएआई के प्रमुख सैम ऑल्टमैन, दोनों ही इस मुद्दे पर सहमत दिखते हैं। हिंटन […]
जेनरेटिव AI की दुखती रग
चंद रोज पहले गूगल ने प्रकाशकों को एक स्विच मुहैया कराया जिसकी मदद से उनकी वेबसाइट सर्च इंजन के लिए तो उपलब्ध होती लेकिन गूगल के बार्ड जैसे जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल के प्रशिक्षण के लिए नहीं। गूगल के विस्तारित टूल का इस्तेमाल करके वेब प्रकाशक इस बात पर नियंत्रण कर सकते हैं कि […]
Opinion: एआई क्षमता विकास की आवश्यकता
अपनी हालिया भारत यात्रा के दौरान आईबीएम के चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अरविंद कृष्ण ने कहा कि भारत को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में जेनरेटिव एआई समेत संप्रभु क्षमता विकसित करने की आवश्यकता है। भारतीय नीति निर्माताओं को उनकी सलाह को गंभीरता से लेना चाहिए। एआई, खासतौर पर मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग […]
Artificial intelligence का बढ़ता इस्तेमाल और डेटा सुरक्षा के पहलू
जेनरेटिव एआई की प्रगति को देखते हुए डेटा सुरक्षा का विषय और गंभीर हो गया है। भारत को भी इस संबंध में कानून तैयार कर इनका क्रियान्वयन करना चाहिए। बता रहे हैं प्रसेनजित दत्ता पिछले आधे दशक में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। एआई में इस विशेष प्रगति से डीप […]
Odisha train accident: सुरक्षा के मोर्चे पर लापरवाह रवैया
ओडिशा में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना भारत के बुनियादी ढांचे में सुरक्षा और गुणवत्ता के मामले में उपेक्षापूर्ण रवैये को उजागर करती है। बता रहे हैं प्रसेनजित दत्ता भारत ने हाल ही में पिछले दो दशकों के मुकाबले सबसे भयानक ट्रेन दुर्घटना देखी है। आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक इस दुर्घटना में 275 लोगों की मौत […]
श्रम कानूनों में बदलाव के समक्ष निष्पक्ष रहने की चुनौती
श्रम कानूनों में कोई भी संशोधन प्रायः बहस का कारण बन जाता है। हाल में कुछ राज्यों द्वारा एक दिन में 12 घंटे की श्रम अवधि के प्रावधान को अनुमति देने की पहल पर भी बहस छिड़ना तय है। फरवरी में कर्नाटक ने अपने श्रम विधानों में कुछ बदलाव किए थे। इन बदलावों के तहत […]








