जेनरेटिव AI: वैश्विक स्तर पर नियमन हो
जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेनरेटिव एआई) इतना प्रभावशाली है कि इसका विकास एकदम स्वतंत्र तरीके से किए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह ऐसा मुद्दा है जिस पर अधिकांश लोग सहमत हैं। डीप लर्निंग के प्रणेता जेफ्री हिंटन और ओपनएआई के प्रमुख सैम ऑल्टमैन, दोनों ही इस मुद्दे पर सहमत दिखते हैं। हिंटन […]
जेनरेटिव AI की दुखती रग
चंद रोज पहले गूगल ने प्रकाशकों को एक स्विच मुहैया कराया जिसकी मदद से उनकी वेबसाइट सर्च इंजन के लिए तो उपलब्ध होती लेकिन गूगल के बार्ड जैसे जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल के प्रशिक्षण के लिए नहीं। गूगल के विस्तारित टूल का इस्तेमाल करके वेब प्रकाशक इस बात पर नियंत्रण कर सकते हैं कि […]
Opinion: एआई क्षमता विकास की आवश्यकता
अपनी हालिया भारत यात्रा के दौरान आईबीएम के चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अरविंद कृष्ण ने कहा कि भारत को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में जेनरेटिव एआई समेत संप्रभु क्षमता विकसित करने की आवश्यकता है। भारतीय नीति निर्माताओं को उनकी सलाह को गंभीरता से लेना चाहिए। एआई, खासतौर पर मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग […]
Artificial intelligence का बढ़ता इस्तेमाल और डेटा सुरक्षा के पहलू
जेनरेटिव एआई की प्रगति को देखते हुए डेटा सुरक्षा का विषय और गंभीर हो गया है। भारत को भी इस संबंध में कानून तैयार कर इनका क्रियान्वयन करना चाहिए। बता रहे हैं प्रसेनजित दत्ता पिछले आधे दशक में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। एआई में इस विशेष प्रगति से डीप […]
Odisha train accident: सुरक्षा के मोर्चे पर लापरवाह रवैया
ओडिशा में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना भारत के बुनियादी ढांचे में सुरक्षा और गुणवत्ता के मामले में उपेक्षापूर्ण रवैये को उजागर करती है। बता रहे हैं प्रसेनजित दत्ता भारत ने हाल ही में पिछले दो दशकों के मुकाबले सबसे भयानक ट्रेन दुर्घटना देखी है। आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक इस दुर्घटना में 275 लोगों की मौत […]
श्रम कानूनों में बदलाव के समक्ष निष्पक्ष रहने की चुनौती
श्रम कानूनों में कोई भी संशोधन प्रायः बहस का कारण बन जाता है। हाल में कुछ राज्यों द्वारा एक दिन में 12 घंटे की श्रम अवधि के प्रावधान को अनुमति देने की पहल पर भी बहस छिड़ना तय है। फरवरी में कर्नाटक ने अपने श्रम विधानों में कुछ बदलाव किए थे। इन बदलावों के तहत […]
कार्बन उत्सर्जन की समस्या का दशकों पुराना हल
सात दशक से भी अधिक पुरानी एक तकनीक इन दिनो सुर्खियों में है क्योंकि वह विशुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने में मददगार हो सकती है। बता रहे हैं प्रसेनजित दत्ता दुनिया भर की कंपनियां और देश अब सात दशक पुरानी एक तकनीक की ओर बढ़ रहे हैं जिसे पहले कभी इतनी तवज्जो नहीं दी […]
क्या वोडाफोन-आइडिया टिकी रह पाएगी कारोबार में?
मुश्किलों में घिरी भारतीय दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया को पिछले दो सप्ताह में थोड़ी और राहत मिली है। इस राहत का कारण यह है कि सरकार ने आस्थगित समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर 16,000 करोड़ रुपये के ब्याज को शेयर में परिवर्तित करने की योजना को अनुमति दे दी है। इस योजना पर लंबे समय […]
ऊर्जा स्रोतों के बारे में व्यावहारिक होना जरूरी
अगर वर्ष 2022 ने दुनियाभर के नीति-निर्माताओं को कुछ सिखाया है तो वह यह कि उन्हें अपनी स्वच्छ ऊर्जा नीतियों को लेकर व्यावहारिक होना जरूरी था। रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध सभी विकसित और विकासशील देशों के लिए एक कड़वे सच को पहचानने जैसा था, क्योंकि ये देश इस बात को लेकर बड़े आश्वस्त थे कि […]
समुद्रों की कार्बन अवशोषण क्षमता और हमारी नीतियां
जलवायु परिवर्तन से निपटने और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने से संबंधित नीतियां बनाने वालों का ध्यान अब समुद्रों की ओर है लेकिन इस विचार के भी कई पहलू हैं। बता रहे हैं प्रसेनजित दत्ता