परमाणु ऊर्जा अपनाने के साथ बचाव भी जरूरी
एक के बाद एक बजट में परमाणु ऊर्जा का लगातार उल्लेख इस बात का प्रमाण है कि सरकार इसके लिए काफी उत्साहित है। वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर यानी एसएमआर (300 मेगावॉट से कम क्षमता) पर जोर देते हुए कहा गया था कि इनके शोध एवं विकास में निजी क्षेत्र […]
नए साल में रिक्त पद भरने पर हो सरकार का ध्यान
किसी लेखक के लिए नए साल की शुरुआत में छपने वाला स्तंभ उसकी पसंद के किसी विषय से जुड़े मुद्दों को उठाने एवं उस पर ध्यान केंद्रित करने का बेहतरीन अवसर हो सकता है। मगर मैं खुद पर काबू रखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था एवं सरकार से जुड़े एक छोटे मसले पर ध्यान खींचना चाहूंगा। मुद्दा […]
ग्लोबल वॉर्मिंग और एआई के खतरे
नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों और अर्थशास्त्रियों के बीच आज अगर किसी मुद्दे पर सबसे ज्यादा और गरमागरम चर्चा हो रही है तो वे हैं ग्लोबल वार्मिंग और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई)। बड़ी कंपनियों के आला अधिकारियों के दफ्तर हों या पढ़े-लिखे तबके के ड्रॉइंग रूम… वहां भी इन्हें बहस मुबाहिसों में भरपूर जगह मिल रही है। […]
वायु प्रदूषण से निपटने का क्या हो तरीका
पिछले दो दशक से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के आंकड़े हर वर्ष अक्टूबर में सुर्खियों में आते हैं। अखबार के पहले पन्ने पर प्रदूषित हवा की खबरें होने के साथ ही टेलीविजन पर भी इस मुद्दे पर चर्चा होती है। इसी दौरान अस्पतालों में फेफड़े और सांस […]
भारत में नकली और घटिया दवाओं का बढ़ता खतरा, अर्थव्यवस्था और जनस्वास्थ्य पर दिखता है गंभीर असर
पिछले सप्ताह भारतीय मीडिया में दो खबरें सुर्खियों में रही थीं। पहली खबर एंटीबायोटिक सहित नकली दवाओं की आपूर्ति के आरोप में कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने से जुड़ी थी। इन लोगों पर आरोप हैं कि वे महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और झारखंड में सरकारी अस्पतालों को घटिया एवं नकली दवाओं की […]
GenAI में चीन से सीख ले सकता है भारत, क्या देश सुरक्षा से समझौता किए बिना बना सकता है अपनी तकनीकी राह?
भारत में जब तकनीक एवं इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की चर्चा होती है तो सिलिकन वैली के उद्यमी एवं स्टार्टअप इकाइयां छा जाते हैं। इस आलेख में भी चर्चा जेनेरेटिव एआई (जेनएआई) में एकाधिकार की लड़ाई और अमेरिका में आर्टिफिशल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) के लिए चल रही होड़ पर केंद्रित है। बाहरी दुनिया में […]
रोजगार संकट का कोई त्वरित समाधान नहीं, शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए वियतनाम से सीखने की जरूरत
बेरोजगारी पर आने वाली सभी नकारात्मक रिपोर्टों को लंबे अरसे तक खारिज करने के बाद सरकार ने आखिरकार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में यह बात स्वीकार की है कि उसके सामने बेरोजगारी की समस्या है। मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा तैयार की गई आर्थिक समीक्षा में भी रोजगार सृजन और बेरोजगारी के मुद्दे […]
तेल और गैस पर ध्यान देने की जरूरत
दुनिया भर के देशों ने यह महसूस किया है कि प्रदूषणकारी ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन का सफर इतना आसान नहीं है। इसका रास्ता बहुत ही टेढ़ा और मुश्किलों से भरा है। भले ही वे नए एवं स्वच्छ ऊर्जा संयंत्रों पर भारी निवेश करें, इसके बावजूद गंदे ईंधन पर उनकी निर्भरता निकट भविष्य में […]
ऊर्जा के बदलते स्रोत और महत्त्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ऊर्जा संक्रमण यानि जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम कर सौर, पवन, जल विद्युत, हाइड्रोजन आदि वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास हुए थे। हालांकि, इन प्रयासों पर लोगों एवं समाचार माध्यमों का कम ध्यान गया […]
गुणवत्ता वाली मानसिकता के अभाव की वजह?
दवा उद्योग (Pharmaceutical Industry) कई वर्षों तक खराब वजहों से चर्चा में रहा और अब भारतीय दवा नियामक ने कदम उठाने का फैसला किया है। दवा उद्योग नकली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं (NSQ) के घरेलू बाजार में खुलेआम बेचे जाने से लेकर भारतीय कंपनियों द्वारा निर्यात की गई दवाओं से कई देशों में सैकड़ों […]









