भारत में नकली और घटिया दवाओं का बढ़ता खतरा, अर्थव्यवस्था और जनस्वास्थ्य पर दिखता है गंभीर असर
पिछले सप्ताह भारतीय मीडिया में दो खबरें सुर्खियों में रही थीं। पहली खबर एंटीबायोटिक सहित नकली दवाओं की आपूर्ति के आरोप में कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने से जुड़ी थी। इन लोगों पर आरोप हैं कि वे महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और झारखंड में सरकारी अस्पतालों को घटिया एवं नकली दवाओं की […]
GenAI में चीन से सीख ले सकता है भारत, क्या देश सुरक्षा से समझौता किए बिना बना सकता है अपनी तकनीकी राह?
भारत में जब तकनीक एवं इस क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की चर्चा होती है तो सिलिकन वैली के उद्यमी एवं स्टार्टअप इकाइयां छा जाते हैं। इस आलेख में भी चर्चा जेनेरेटिव एआई (जेनएआई) में एकाधिकार की लड़ाई और अमेरिका में आर्टिफिशल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) के लिए चल रही होड़ पर केंद्रित है। बाहरी दुनिया में […]
रोजगार संकट का कोई त्वरित समाधान नहीं, शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए वियतनाम से सीखने की जरूरत
बेरोजगारी पर आने वाली सभी नकारात्मक रिपोर्टों को लंबे अरसे तक खारिज करने के बाद सरकार ने आखिरकार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में यह बात स्वीकार की है कि उसके सामने बेरोजगारी की समस्या है। मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा तैयार की गई आर्थिक समीक्षा में भी रोजगार सृजन और बेरोजगारी के मुद्दे […]
तेल और गैस पर ध्यान देने की जरूरत
दुनिया भर के देशों ने यह महसूस किया है कि प्रदूषणकारी ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन का सफर इतना आसान नहीं है। इसका रास्ता बहुत ही टेढ़ा और मुश्किलों से भरा है। भले ही वे नए एवं स्वच्छ ऊर्जा संयंत्रों पर भारी निवेश करें, इसके बावजूद गंदे ईंधन पर उनकी निर्भरता निकट भविष्य में […]
ऊर्जा के बदलते स्रोत और महत्त्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ऊर्जा संक्रमण यानि जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम कर सौर, पवन, जल विद्युत, हाइड्रोजन आदि वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास हुए थे। हालांकि, इन प्रयासों पर लोगों एवं समाचार माध्यमों का कम ध्यान गया […]
गुणवत्ता वाली मानसिकता के अभाव की वजह?
दवा उद्योग (Pharmaceutical Industry) कई वर्षों तक खराब वजहों से चर्चा में रहा और अब भारतीय दवा नियामक ने कदम उठाने का फैसला किया है। दवा उद्योग नकली और घटिया गुणवत्ता वाली दवाओं (NSQ) के घरेलू बाजार में खुलेआम बेचे जाने से लेकर भारतीय कंपनियों द्वारा निर्यात की गई दवाओं से कई देशों में सैकड़ों […]
माइक्रोप्लास्टिक के खतरे को समझना जरूरी
सिंथेटिक प्लास्टिक का इतिहास 19वीं सदी के मध्य से शुरू होता है। किसी भी आविष्कार की तरह सिंथेटिक प्लास्टिक की खोज कुछ समस्याओं का समाधान खोजने के मकसद से शुरू हुई थी। दरअसल उस दौर में कछुए के खोल और हाथी दांत की उपलब्धता कम होने लगी थी जिनका इस्तेमाल 19वीं सदी में मुख्य रूप […]
ग्रीन हाइड्रोजन का भविष्य और चुनौतियां
स्वच्छ ऊर्जा बदलाव की वैश्विक यात्रा में हरित हाइड्रोजन बहुत बड़ी उम्मीद के रूप में उभर कर सामने आई है। अपनी उच्च घनत्व ऊर्जा क्षमता के साथ हाइड्रोजन उन सभी उद्योगों में बहुत अच्छी तरह काम कर सकती है, जिनमें प्राकृतिक अथवा तरलीकृत पेट्रोलियम गैस का इस्तेमाल होता है। खास बात यह है कि जब […]
GenAI मॉडल के कारण भविष्य में बढ़ेगा कॉपीराइट का झंझट
वर्ष 2023 के खत्म होने से ठीक पहले न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) ने सिलिकॉन वैली के जेनेरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जेनएआई) के पैरोकारों को झटका देते हुए ओपनएआई और उसकी प्रमुख सहयोगी साझेदार कंपनी माइक्रोसॉफ्ट पर कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। उसने इस मामले में विस्तृत ब्योरा भी मुहैया कराया है। एनवाईटी ने […]
कॉप28 और कोयले से जुड़े सवाल
दुबई में आयोजित कॉप28 वैश्विक शिखर सम्मेलन में 100 से अधिक देशों ने वैश्विक नवीकरणीय और ऊर्जा क्षमता संकल्प पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका मकसद वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा की वैश्विक क्षमता को तीन गुना बढ़ाकर 11,000 गीगावॉट तक करना एवं ऊर्जा दक्षता में सुधार करते हुए इसकी वैश्विक औसत वार्षिक दर दोगुना करना […]