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लेखक : इंदिवजल धस्माना

अर्थव्यवस्था, कंपनियां, कमोडिटी, ताजा खबरें, बाजार

आ गया Trade Data, लगातार चौथे महीने गिरा Export,  फरवरी में व्यापार घाटा हुआ 14.05 अरब डॉलर

पेट्रोलियम कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण फरवरी में भारत का वस्तुओं का निर्यात लगातार चौथे महीने घटकर 36.91 अरब डॉलर रह गया। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। पिछले साल के समान महीने में देश का निर्यात 41.41 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से […]

आज का अखबार, भारत, शिक्षा

New Education Policy 2020: शिक्षा बजट बढ़ाने का वादा, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है?

नई शिक्षा नीति, 2020 में तीन भाषा वाले फॉर्मूले पर राजनेताओं में बहस छिड़ गई है। मगर इस बहस में नई शिक्षा नीति के एक प्रमुख उद्देश्य को ही दरकिनार कर दिया गया है। यह केंद्र और राज्यों द्वारा शिक्षा पर खर्च को बढ़ाकर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के छह फीसदी तक करने […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

उत्तर प्रदेश, गुजरात और ओडिशा का राजकोषीय प्रदर्शन बेहतर 

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अब तक जिन पांच बड़े राज्यों ने अपने बजट पेश किए हैं उनमें उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी वाला और प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से सबसे गरीब है। हालांकि, राजस्व अधिशेष के मामले में उत्तर प्रदेश ने अपना प्रदर्शन कमजोर होने नहीं दिया है। खर्च बढ़ने के बावजूद इसकी […]

आज का अखबार, भारत

भीड़ प्रबंधन पर ध्यान देना जरूरी! डेढ़ महीने के भीतर भगदड़ की दो घटनाओं में 48 लोगों की जान गई

आधिकारिक आंकड़े दर्शाते हैं कि इस साल बीते एक से डेढ़ महीने के भीतर भगदड़ की दो घटनाओं में 48 लोगों ने जान गंवाई हैं। दोनों हादसे प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से जुड़ी हैं, लेकिन घटनास्थल अलग-अलग है। भगदड़ की पहली घटना बीते 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ स्नान के दौरान […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, भारत

Economic Survey: वित्त वर्ष 2026 में 6.3 से 6.8% रहेगी वृद्धि दर, विकसित भारत के लिए एक दशक तक 8% वृद्धि का लक्ष्य

वै​श्विक व्यापार में अनि​श्चितता और संरक्षणवाद के बढ़ते जोर के बीच बजट से पहले वित्त वर्ष 2024-25 की आ​र्थिक समीक्षा में खास तौर पर राज्य स्तर पर विनियम का बोझ कम करके कारोबार को आसान बनाने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का समझदारी के साथ उपयोग करने की बात […]

आज का अखबार, ताजा खबरें, भारत

Meta की माफी के बाद PIB फैक्ट चेक चर्चा में: जानें किन फर्जी खबरों पर लोग सबसे ज्यादा सवाल पूछते हैं

मेटा ने बुधवार को अपने मुख्य कार्य अधिकारी मार्क जकरबर्ग की उस टिप्पणी के लिए माफी मांगी, जिसमें उन्होंने कहा था कि  मोदी सरकार साल 2024 के चुनावों में सत्ता खो चुकी है। कंपनी ने कहा कि यह अनजाने में हुई भूल है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल […]

अन्य समाचार, अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, कंपनियां, बजट, बाजार, भारत, राजनीति, विविध, विशेष, वीडियो

मनमोहन सिंह के दो कार्यकालों की विरासत, पहले कार्यकाल को लेकर ज्यादा उदार रहेगा इतिहास

‘मैं ईमानदारी से यकीन करता हूं कि समकालीन मीडिया की तुलना में इतिहास मेरे प्रति अधिक दयालु रहेगा।’ साल 2014 में बतौर प्रधानमंत्री अपने आखिरी संवाददाता सम्मेलन में मनमोहन सिंह ने यह बात कही थी। अगर इतिहास आर्थिक प्रदर्शन के आंकड़ों के आधार पर आकलन करे तो वह बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल […]

अर्थव्यवस्था, ताजा खबरें

बतौर PM डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत: पहले कार्यकाल में बढ़ी साख, दूसरे टर्म में गिरा ग्रॉफ

Manmohan’s legacy as PM: साल था 2014 और महीना था जनवरी का। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह मीडिया को संबोधित कर रहे थे। अगर आज के संदर्भ में देखें, तो यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की अंतिम प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। मीडिया को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह कहते हैं, “मैं मानता हूं कि […]

आज का अखबार, भारत, विशेष

भारत में मैन्युफैक्चरिंग की हकीकत: कहानी अभी अधूरी, स्पीड बढ़ाने की दरकार

भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के लिए विनिर्माण पर अ​धिक ध्यान केंद्रित करना होगा। देश आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है लेकिन उसकी विनिर्माण क्षमता महज कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित है। श्रृंखला के चौथे भाग में देखेंगे कि चीन का विकल्प बनते हुए देश में […]

आज का अखबार, भारत, विशेष

भारत की विकास गाथा: जनसंख्या विस्फोट या आबादी में गिरावट?

पिछले कुछ महीनों में राजनीतिक, व्यावसायिक, सामाजिक और सांस्कृतिक हलकों की कुछ बड़ी हस्तियों ने भारत की जनसंख्या के कई पहलुओं पर बात की है। उद्योग जगत की एक जानी-मानी शख्सियत ने बढ़ती आबादी पर फिक्र जताई है तो कई दूसरे लोग प्रजनन दर में गिरावट से चिंता में पड़े हैं। उनकी बातें देश में […]

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