facebookmetapixel
ऑटो इंडस्ट्री का नया फॉर्मूला: नई कारें कम, फेसलिफ्ट ज्यादा; 2026 में बदलेगा भारत का व्हीकल मार्केटDelhi Pollution: दिल्ली-NCR में खतरनाक प्रदूषण, CAQM ने आउटडोर खेलों पर लगाया रोकशेयर बाजार में इस हफ्ते क्यों मचेगी उथल-पुथल? WPI, विदेशी निवेशक और ग्लोबल संकेत तय करेंगे चालFPI की निकासी जारी, दिसंबर के 12 दिनों में ही ₹18 हजार करोड़ उड़ गएसस्ता टिकट या बड़ा धोखा? हर्ष गोयनका की कहानी ने खोल दी एयरलाइंस की पोलMCap: टॉप 8 कंपनियों का मार्केट वैल्यू ₹79,129 करोड़ घटा; Bajaj Finance और ICICI Bank सबसे बड़े नुकसान मेंRobert Kiyosaki ने खोले 6 निवेश के राज, जिन्हें अपनाकर आप बन सकते हैं अमीर!IRCTC टिकट बुकिंग में नया सिस्टम, फर्जी अकाउंट्स अब नहीं बचेंगेDelhi Weather Today: दिल्ली पर घना कोहरा, AQI 500 के करीब; GRAP स्टेज-4 की कड़ी पाबंदियां लागूElon Musk का अगला बड़ा दांव! SpaceX की IPO प्लानिंग, शेयर बिक्री से ₹800 अरब डॉलर वैल्यूएशन का संकेत

कृषि उत्पादों के खुदरा आउटलेट खुलेंगे उप्र में

Last Updated- December 05, 2022 | 4:31 PM IST

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा करीब सात महीने पहले रिलायंस फ्रेश के स्टोरों पर ताला लगाने का फरमान जारी करने के बाद अब राज्य सरकार की एक एजेंसी कृषि उत्पादों की खुदरा बिक्री के लिए स्टोर खोलने के लिए तैयार है।


बीते साल व्यापारियों के विरोध के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कृषि खुदरा कारोबार पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि इससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।


उत्तर प्रदेश राज्य बागवानी सहकारी विपणन फेडरेशन (एचओएफईडी) इस महीने राज्य में 14 कृषि विपणन आउटलेट खोलने जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने 14 लाख रुपये का आवंटन किया है।


प्रत्येक बिक्री केन्द्र 150 वर्ग फीट क्षेत्र में बनाया जाएगा। ये आउटलेट लखनऊ, वाराणसी, आगरा, बरेली, गोरखपुर, मेरठ, अलीगढ़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, रामपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर और बस्ती में खोले जाएंगे।


लखनऊ में ऐसे दो खुदरा बिक्री केन्द्र खुलेंगे।


इससे पहले 23 अगस्त, 2007 को राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में रिलायंस फ्रेश स्टोरों को बंद करने का आदेश जारी किया था। इससे एक दिन पहले लखनऊ में रिलायंस फ्रेश के 10 स्टोर खुले थे।


राज्य में खुदरा कारोबारी रिलायंस का विरोध कर रहे हैं जबकि माना जा रहा है कि उपभोक्ता, किसान और उद्योग संगठित रिटेल कारोबार के पक्ष में हैं।


इस बीच एचओएफईडी के एक अधिकारी ने बताया कि फेडरेशन के रिटेल स्टोरों के लिए जगह की पहचान की जा चुकी है और इस माह के अंत तक इन स्टोरों को उपभोक्ताओं के लिए खोल दिया जाएगा।


फेडरेशन इन फॉर्मेट के लिए जमीन और अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराएगा जबकि इन्हें सोसाइटी, स्वयं सहायता समूह और एनजीओ के जरिए संचालित किया जाएगा।


इन आउटलेट में सब्जियों, फलों, मसालों जैसे कृषि उत्पादों की बिक्री की जाएगी। पूरी कवायद का मकसद उपभोक्ताओं को वाजिब कीमत पर कृषि उत्पाद मुहैया कराना और किसानों को उनकी पैदावार के लिए सही कीमत दिलाना है।


अधिकारी ने बताया कि बिक्री केन्द्रों का संचालन करने वाली सोसाइटी एचओएफईडी को मामूली सा किराया देगी।
इन छोटे आउटलेटों में पॉवर बैक-अप, डीप फीजर, इलेक्ट्रानिक वाशिंग मशीन, साइन बोर्ड, फर्नीचर और पैकिंग मैटीरियल की सुविधा होगी।


इन आउटलेट को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया और मुनाफे की स्थिति को देखकर एचओएफईडी ऐसे ही और केन्द्रों की स्थापना करेगा। यह केन्द्र एचओएफईडी को प्रति माह रिपोर्ट भेजेंगे।


एचओएफईडी के तहत इस समय उत्तर प्रदेश की 700 बागवानी सोसाइटी पंजीकृत हैं। एचओएफईडी में पंजीकृत प्रत्येक सोसाइटी में करीब 50 सदस्य हैं।


ये सदस्य बागवानी और मधुमक्खी पालन जैसे पेशों से जुड़े हैं। एचओएफईडी अपने सदस्यों को बिना कोई शुल्क के प्रशिक्षिण देता है।


उत्तर प्रदेश आम, अमरूद, लीची, प्याज, लहसुन, हल्दी और केले के अलावा कई औषधीय पौधों की खेती के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।

First Published - March 11, 2008 | 8:05 AM IST

संबंधित पोस्ट