फलों का जूस, शरबत और ऐसे ही स्वास्थ्यवर्धक पेयदाथों का बाजार वर्ष 2015 तक 54,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन के अनुसार स्वास्थ्य देखभाल को लेकर बढ़ती जागरुकता, विशेषकर युवाओं में इस मामले में बढ़ती संवेदनशीलता से जूस एवं शरबत तथा स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
वर्तमान में इस तरह के पेयपदार्थों का बाजा 22,000 करोड़ रुपये का है।
अध्ययन में कहा गया है कि युवाओं में बढ़ता मोटापा और बढ़ते जबखर्च को देखते हुये विशेषतौर पर शहरी इलाकों में जूस और शरबत जेसे नॉन..कार्बोनेट उत्पादों की बिक्री तेजी से बढ़ी है।
एसोचैम सेक्रटरी जनरल डी.एस. रावत के अनुसार नॉन कार्बोनेटिड पेय उत्पाद जैसे फलों का जूस, शरबत और स्वास्थ्यवर्धक पेयपदार्थ का बाजार ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है जबकि कार्बोनेटिड पेय पदार्थ जैसे कोका कोला, पेप्सी का बाजार पिछले तीन साल के दौरान 15 से 20 प्रतिशत की रफ्तार से कम हुआ है, क्योंकि स्वास्थ्य के प्रति उपभोक्ता अधिक जागरुक हुआ है।
एसोचैम ने अपने इस अध्ययन में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों से करीब 2,500 लोगों से बातचीत की है।
भाषा