टाटा समूह (Tata Group) की विद्युत निर्माण, पारेषण एवं वितरण कंपनी टाटा पावर हरित ऊर्जा समाधान मुहैया कराने के लिए समूह कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। सिर्फ अक्षय ऊर्जा (आरई) परियोजनाओं में निवेश करने का निर्णय ले चुकी टाटा पावर हरित ऊर्जा समाधान मुहैया कराने के लिए विभिन्न वाणिज्यिक एवं औद्योगिक (सीऐंडआई) ग्राहकों के साथ भी बातचीत कर रही है।
टाटा पावर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी प्रवीर सिन्हा ने फोन पर बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत के दौरान कहा कि वे सीऐंडआई ग्राहकों को समेकित ग्रीन एनर्जी सॉल्युशन मुहैया कराएंगे।
सिन्हा ने कहा, ‘ऐसी कंपनियों की बड़ी तादाद है जो अपनी मौजूदा ऊर्जा आपूर्ति को आरई में बदलना चाहती हैं। हम बहुराष्ट्रीय समेत कई बड़ी कंपनियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। हम टाटा समूह की कंपनियों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।’ कंपनी टाटा समूह (Tata Group) की कंपनियों के लिए ‘ग्रुप कैप्टिव’ रूट पर विचार करेगी।
सिन्हा ने कहा, ‘गैर-टाटा कंपनियों के लिए भी हम इस विकल्प की संभावना तलाश रहे हैं जिससे कि हमारे ग्राहक क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज से बच सकें।’
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने हाल में यह कहते हुए ‘ग्रुप कैप्टिव’ नियमों में संशोधन किया कि ग्रुप कैप्टिव ढांचे में किसी निजी विद्युत उपयोगकर्ता के पास निजी रूप से उत्पादन वाले संयंत्र (कैप्टिव प्लांट) में न्यूनतम 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होनी चाहिए। एक कैप्टिव पावर प्लांट मुख्य तौर पर सीऐंडआई उपयोगकर्ताओं द्वारा उनकी ऊंची मांग और विशेष आपूर्ति आवश्यकताओं को देखते हुए, उनके विद्युत उपयोग के लिए स्थापित किए जाते हैं।
संशोधित नियमों से कंपनियों के लिए अपनी सहायक इकाइयों के जरिये ग्रुप कैप्टिव प्लांट स्थापित करने की राह आसान हुई है। इससे उन्हें उन शुल्कों से बचने में मदद मिली है जो राज्य के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा कैप्टिव उपयोगकर्ताओं पर लगाए जाते थे।