पैमाने की चुनौतियां, लाभ और अनुपालन की अधिक लागत ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटरों (Payment Aggregator) को इस क्षेत्र से संबंधित व्यावहारिकता पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं, खास तौर पर जिन कंपनियों के मामले में भुगतान एग्रीगेटर सेवा मुख्य कारोबार नहीं हो।
फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जोमैटो पेमेंट्स (Zomato Payments) ने ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए आरबीआई (RBI) द्वारा जारी किया गया अधिकार प्रमाणपत्र पिछले सप्ताह स्वेच्छा से त्याग दिया था।
कंपनी के अधिकारियों और फिनटेक क्षेत्र की कंपनियों को सलाह देने वालों ने कहा कि हालांकि यह बताना मुश्किल है कि कंपनी को यह फैसला लेने के लिए किस बात ने प्रेरित किया, लेकिन यह शायद कई कारकों का संयोजन है। जैसे कंपनी फूड डिलिवरी की अपनी मुख्य ताकत पर ध्यान केंद्रित करने का इंतजार कर रही है और भुगतान जैसे गैर-प्रमुख कारोबार में अपना निवेश कम कर रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि उपरोक्त चुनौतियों के कारण कुछ कंपनियां अपने भुगतान एग्रीगेटर आवेदन वापस ले सकती हैं या अपना लाइसेंस छोड़ सकती हैं।
ईवाई इंडिया के साझेदारी और भुगतान क्षेत्र प्रमुख राणादुर्जय तालुकदार ने कहा ‘मुझे इस बात से हैरानी नहीं होगी, अगर और ज्सादा भुगतान एग्रीगेटर पुनर्विचार करें। यह कुछ वैसा ही है, जैसा हमने आठ साल पहले भुगतान बैंकों के क्षेत्र में देखा था। कई सारे भागीदार आए और उनमें से कई ने स्वेच्छा से अपने लाइसेंस छोड़ दिए।’
जोमैटो (Zomato) ने अपना लाइसेंस छोड़ते वक्त अपने ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर कारोबार की ‘व्यावसायिक व्यावहारिकता’ का हवाला दिया था।
कंपनी ने शेयर बाजारों को सूचित किया कि जोमैटो में हमें खुद को भुगतान क्षेत्र में पहले से मौजूद कंपनियों की टक्कर में खासा प्रतिस्पर्धी लाभ नहीं दिखता और इसलिए इस स्तर पर हमें भुगतान क्षेत्र में अपने लिए व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक कारोबार की उम्मीद नहीं है।
फिनटेक सेक्टर से बाहर की कंपनियों, जैसे ई-कॉमर्स या अन्य बिजनेस टू कंज्यूमर बिजनेस के पीछे पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस हासिल करने का तर्क लेनदेन के प्रवाह को नियंत्रित करने पर आधारित था।
हालाँकि, अपने मौजूदा परिचालन को चलाने के अलावा अपने व्यवसाय के लिए एक नई फिनटेक शाखा का समर्थन करने से कंपनी के लिए परिचालन व्यय का नया रूप खुल जाता है।