8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने बीते गुरुवार को 8वें वेतन आयोग की घोषणा की, जो करीब 45 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, “हमारे सरकारी कर्मचारियों की मेहनत पर हमें गर्व है। 8वें वेतन आयोग का फैसला न केवल उनकी जिंदगी बेहतर बनाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।”
सैलरी और पेंशन में कितना होगा इजाफा?
हर बार की तरह, इस बार भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि सैलरी कितनी बढ़ेगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 के बीच हो सकता है। इसका मतलब है कि सैलरी और पेंशन में करीब 25-30% की बढ़ोतरी हो सकती है।
उदाहरण के लिए
अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹40,000 है, तो एक्सपर्ट्स के मुताबिक फिटमेंट फैक्टर 2.28 के हिसाब से नई सैलरी करीब ₹91,200 हो जाएगी। इसके अलावा, महंगाई भत्ता (डीए) अगर 70% पर सेट होता है, तो वह ₹63,840 होगा। मकान किराया भत्ता (एचआरए) 24% के हिसाब से ₹21,888 आएगा। इन सबको जोड़ें, तो कुल वेतन ₹1,76,000 के करीब होगा।
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर वह मल्टीप्लायर है, जो आपके मूल वेतन (Basic Pay) को बढ़ाकर नए वेतनमान में बदल देता है। अगर आपका मूल वेतन ₹40,000 है और फिटमेंट फैक्टर 2.57 है, तो आपका नया वेतन होगा:
₹40,000 × 2.28 = ₹91,200
उसी तरह डीए- 70% × ₹91,200= ₹63,840
HRA 24% × ₹91,200= ₹21,888 आएगा
क्यों जरूरी है ये बदलाव?
टीमलीज़ डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा के मुताबिक, “महंगाई, बढ़ती जिंदगी की लागत और प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले सरकारी कर्मचारियों की सैलरी के अंतर को कम करने के लिए ये बदलाव जरूरी हैं। इससे न सिर्फ उनकी आर्थिक हालत सुधरेगी, बल्कि बाजार में खरीदारी बढ़ेगी, जो देश की इकोनॉमी के लिए फायदेमंद है।”
7वें वेतन आयोग ने क्या बदलाव किए थे?
न्यूनतम सैलरी: ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 की गई।
फिटमेंट फैक्टर: 2.57 पर तय किया गया।
पेंशन और भत्ते: बड़े बदलाव किए गए।
स्वास्थ्य बीमा योजना: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए लागू की गई।
आगे क्या होगा?
सरकार 8वें वेतन आयोग के लिए एक चेयरपर्सन और दो सदस्य नियुक्त करेगी। ये आयोग सैलरी, पेंशन और अन्य भत्तों का विस्तृत विश्लेषण करेगा। इसके बाद 2025 में ‘केंद्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम’ के तहत इसे लागू किया जाएगा।