वेदांत समूह की होल्डिंग कंपनी वेदांत रिसोर्सेस के विदेशी बॉन्डों में काफी उतारचढ़ाव नजर आ रहा है जबकि अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाला समूह अपनी भारतीय सहायकों से ज्यादा लाभांश भुगतान की घोषणा के जरिए कर्ज में कटौती की ओर बढ़ रहा है।
इस साल जनवरी से अब तक के आंकड़े बताते हैं कि अगले साल परिपक्व होने वाले वेदांत रिसोर्सेस के बॉन्ड 5.07 फीसदी टूट गए जबकि अमेरिकी डॉलर वाले उसके बॉन्ड में इस साल अब तक 5.29 फीसदी की गिरावट आई है। इन बॉन्डों में काफी उतारचढ़ाव दिख रहा है क्योंकि कई रेटिंग फर्मों ने समूह के कर्ज पुनर्भुगतान को लेकर सवाल खड़े किए हैं। वेदांत रिसोर्सेस के 2026 में परिपक्व होने वाले बॉन्ड में इस साल जनवरी से अब तक 5.74 फीसदी की गिरावट आई है।
बैंकरों ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर से अब तक समूह के बॉन्डों में उतारचढ़ाव नजर आया है। एक बैंकर ने कहा, समूह की तरफ से 2 अरब डॉलर के कर्ज का समयपूर्व भुगतान किए जाने के बाद डॉलर बॉन्ड की कीमतों की वापसी हुई है।
वेदांत ने डॉलर बॉन्ड पर टिप्पणी नहीं की। मंगलवार को रेटिंग फर्म क्रिसिल ने भारत में सूचीबद्ध वेदांत लिमिटेड के टर्म लोन व डिबेंचर पर परिदृश्य स्थिर से घटाकर ऋणात्मक कर दिया। क्रिसिल ने कहा कि परिदृश्य में बदलाव उम्मीद से ज्यादा फाइनैंशियल लिवरेज की संभावना और नकदी सरप्लस के अनुपात में कटौती कर कम वित्तीय लचीलापन को प्रतिबिंबित करता है। इसकी वजह लाभांश के रूप में वेदांत से बढ़ी नकद निकासी है, जो अपनी मूल कंपनी वेदांत रिसोर्सेस के परिपक्व होने वाले बड़े कर्ज के लिए है।
इसमें कहा गया है, वेदांत रिसोर्सेस पर रीफाइनैंसिंग का जोखिम बढ़ा है, जिसके करीब 3-3 अरब डॉलर के कर्ज वित्त वर्ष 24 व 25 में परिपक्व हो रहे हैं। साथही वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में करीब 1.7 अरब डॉलर के कर्ज परिपक्व हो रहे हैं।
इससे पहले 10 मार्च को मूडीज ने वेदांत रिसोर्सेस की कॉरपोरेट फैमिली रेटिंग घटा दी थी, जिसके लिए एजेंसी ने होल्डिंग कंपनी के बढ़े रीफाइनैंसिंग जोखिम का हवाला दिया था। सभी रेटिंग को लेकर परिदृश्य ऋणात्मक बना हुआ है।