वेदांत समूह की मूल कंपनी वेदांत रिसोर्सेज ने बुधवार को 1.4 अरब डॉलर के बॉन्ड की रकम चुका दी है। मई और जून में देय इन बॉन्डों का भुगतान करने से कंपनी का सकल कर्ज घटकर 6.4 अरब डॉलर रह गया। कंपनी ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
लंदन की वेदांत रिसोर्सेज ने कहा कि मार्च 2022 में कर्ज कम करने के लक्ष्य की घोषणा के बाद से उसने सकल कर्ज में 3.3 अरब डॉलर की कमी की है। वेदांत समूह का लक्ष्य वित्त वर्ष 2023-2024 में कर्ज को और कम करते हुए पूरी तरह खत्म कर देना है।
समूह ने कहा, ‘खासकर भारत में जबरदस्त मांग की उम्मीद और प्रमुख वैश्विक बाजारों में दमदार प्रदर्शन से इसमें मदद मिलेगी।’ बयान में कहा गया है कि मार्च 2023 तक वेदांत का सकल कर्ज 7.8 अरब डॉलर था। इससे पहले मार्च 2022 के अंत तक यह 9.7 अरब डॉलर था।
समूह ने जेपी मॉर्गन चेज और ओकट्री कैपिटल से 85 करोड़ डॉलर का नया कर्ज लिया है। साथ ही इसने ग्लेनकॉर से भी अलग से 25 करोड़ डॉलर का ऋण लिया है। ऋण के बदले में समूह ने वेदांत लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी पूरी हिस्सेदारी गिरवी रखी है।
विश्लेषकों को उम्मीद है कि नए ऋणों पर वेदांत रिसोर्सेज के मौजूदा बॉन्ड की तुलना में लागत से अधिक ब्याज लगेगा। क्रेडिटसाइट्स के विश्लेषक ने कहा, ‘ऋण चुकाने में चूक से बचने के लिए वीआरएल द्वारा पर्याप्त धन जुटाने की इच्छा से हमें उम्मीद जगी है। वित्त वर्ष 2023 में वेदांत लिमिटेड की आय हमारी उम्मीद से बेहतर रही और विभिन्न कारोबारी इकाइयों की बाधाएं दूर होने और क्षमता विस्तार के कारण वित्त वर्ष 2024 के लिए उत्पादन का अनुमान भी पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक है।’