इस महीने के निचले स्तर से देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध आभूषण निर्माता टाइटन कंपनी के शेयर में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 3 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण को पार करने की प्रक्रिया में है। हालांकि शुक्रवार को इस शेयर में सुस्ती देखने को मिली।
सितंबर तिमाही के नतीजे के बाद आय के अनुमान को लेकर बढ़ोतरी और बढ़त के मजबूत परिदृश्य ने इस शेयर के मामले में सेंटिमेंट सकारात्मक बनाया है। यह शेयर हालांकि प्रीमियम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है, लेकिन ब्रोकरेज सकारात्मक बने हुए हैं क्योंकि संगठित आभूषण बाजार को लेकर इसके ढांचागत वृद्धि की कहानी बरकरार है और नए कारोबारों से उसे ठीक-ठाक लाभ हो रहा है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन दर्ज किया है, जिसकी वजह राजस्व में खासी बढ़त और परिचालन लाभ मार्जिन में विस्तार है। एकल यानी देसी परिचालन में 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है, जिसकी वजह खरीदारों की संख्या में दो अंकों में वृद्धि हुई है और प्रति ग्राहक औसत बिल इस अवधि में बढ़ा है।
स्टोर के स्तर पर वृद्धि 27 फीसदी रही, लेकिन यह वृद्धि छूट, खातों के समायोजन व फ्रैंचाइजी को कम बिक्री के कारण कम रही।
आभूषण में वृद्धि ने दूसरी तिमाही में जोर पकड़ा क्योंकि चार साल के राजस्व वृद्धि की 24.9 फीसदी दर वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही के 22.4 फीसदी के मुकाबले बेहतर थी।
इसी तरह चार साल की औसत वृद्धि दूसरी तिमाही के बाद 27.3 फीसदी रही, जो वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 22.6 फीसदी रही थी।
हेटांग सिक्योरिटीज के गौरांग कक्कड़ की अगुआई में विश्लेषकों को अगले तीन साल में सालाना राजस्व की रफ्तार 20.1 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 19-23 की अवधि में 19.7 फीसदी सालाना रही थी। यह बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी, स्टोर नेटवर्क के विस्तार, नए कारोबार मसलन वुमेन एथनिक वेयर, पर्स, एक्सेसरीज और अंतरराष्ट्रीय विस्तारआदि में इजाफे से आगे बढ़ेगा। ब्रोकरेज ने ये बातें कही।
मार्जिन की राह पर बाजार की नजर रहेगी क्योंकि सितंबर तिमाही में क्रमिक आधार पर इसमें मजबूत वृद्धि हुई है। कंपनी का दूसरी तिमाही का मार्जिन 300 आधार अंक बढ़कर 14.1 फीसदी पर पहुंच गया है। यह प्रबंधन के 12-13 फीसदी अनुमान से ऊपर है। सालाना आधार पर हालांकि यह कम रहा।
फिलिप कैपिटल रिसर्च ने कहा, आभूषण क्षेत्र का मार्जिन मजबूत रहा जबकि सालाना आधार पर इसमें 125 आधार अंकों की गिरावट आई, जिसकी वजह एकबारगी का डायमंड कीमत इन्वेंट्री से होने वाला लाभ था। यह श्राद्ध की अवधि पिछले साल सितंबर से इस साल अक्टूबर में आने आदि के कारण हुआ।
घड़ी सेगमेंट की वृद्धि 32 फीसदी रही और तिमाही में पहली बार इसका राजस्व 1,000 करोड़ रुपये के पार निकल गया, लेकिन वियरेबल सेगमेंट के ज्यादा योगदान ने सेगमेंट के मार्जिन पर असर डाला और यह 14.7 फीसदी रह गया। वियरेबल का कम सकल मार्जिन और प्रमोशन पर ज्यादा लागत का सेगमेंट के मार्जिन पर असर पड़ा।