संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) की शुरुआत गुरुवार को होगी। 11 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी।
समझा जा रहा है कि इस सत्र में भी सरकार और विपक्ष के बीच जमकर जुबानी उठापटक होगी। अगर संसद की कार्यवाही में कोई व्यवधान नहीं हुआ तब भी 1952 के बाद से वर्तमान 17वीं लोकसभा पर सबसे छोटी पूर्णकालिक लोकसभा होने का ठप्पा लग जाएगा।
लोकसभा पूरा होने में एक वर्ष और
इस वर्ष अप्रैल में बजट सत्र समाप्त होने तक 17वीं लोकसभा में 230 बैठक दिवस पूरे हो चुके हैं। जिन लोकसभाओं ने पांच वर्षों के कार्यकाल पूर्ण किए हैं उनमें 16वीं लोकसभा में सबसे कम बैठक दिवस (331 दिन) हुए थे।
वर्तमान लोकसभा पूरा होने में एक वर्ष और है और इस दौरान तीन सत्र आयोजित होंगे, जिनमें आगामी मॉनसून सत्र भी शामिल है। वर्तमान लोकसभा में प्रत्येक वर्ष औसतन बैठक दिवसों की संख्या 58 रही है।
मणिपुर के हालात, रेल सुरक्षा, आवश्यक जिंसों की कीमतों में वृद्धि होंगे मुख्य बिंदु
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों का कहना है कि वे मणिपुर के हालात, रेल सुरक्षा, आवश्यक जिंसों की कीमतों में वृद्धि और महिला पहलवानों द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सांसद पर यौन उत्पीड़न के आरोप पर सरकार से जवाब मांगेगी।
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को धन शोधन निरोधक अधिनियम के अंतर्गत लाने का मुद्दा उठाएगी। रमेश ने कहा कि इससे लाखों व्यापारियों एवं लघु एवं सूक्ष्म कारोबारों पर असर हो रहा है।
कांग्रेस ने कहा कि ‘नए पहलुओं के उजागर होने के बाद’ पिछले सत्र की तरह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अदाणी समूह के बीच कथित संबंधों की जांच एक संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग करेगी। संसद के मॉनसून सत्र में जिन विधेयकों पर चर्चा संभावित हैं उनमें सर्वाधिक बखेड़ा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक पर हो सकता है।
यह विधेयक उस अध्यादेश की जगह लेगा जिसमें दिल्ली सरकार के अंतर्गत अफसरशाही पर केंद्र को अधिकार दिए गए हैं। 11 मई को उच्चतम न्यायालय से पक्ष में निर्णय नहीं आने के बाद सरकार यह अध्यादेश लेकर आई थी।
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद इस अध्यादेश का विरोध कर सकते हैं। पार्टी के राज्यसभा में 10 सांसद हैं। कांग्रेस ने भी शनिवार को आगामी मॉनसून सत्र के लिए रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई बैठक में इस विधेयक का विरोध करने का निर्णय लिया।
रविवार को कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि उनकी पार्टी का रुख बिल्कुल साफ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक का विरोध करेगी। कांग्रेस के इस बदले रुख के बाद बेंगलूरु में विपक्षी दलों की बैठक में आप के शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है।
राज्यसभा में भाजपा बहुमत से दूर है। उन क्षेत्रीय दलों के लिए राज्यसभा में इस विधेयक के पक्ष में मतदान करना फजीहत का कारण बन सकता है जिन्होंने (जैसे बीजू जनता दल) पिछले चार वर्षों के भाजपा का संसद के ऊपरी सदन में समर्थन किया है।
सरकार ने मॉनसून सत्र में 21 नए विधेयक पेश करने की योजना बनाई है। सरकार आधा दर्जन विचाराधीन विधेयक पर भी चर्चा आयोजित कर सकती है। मगर संसद के बजट सत्र में अधिक काम-काज नहीं हो पाया था। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार निर्धारित समय (46 घंटे) में लोकसभा में मात्र 33 प्रतिशत हिस्से में ही काम हुआ, वही राज्यसभा निर्धारित 32 घंटे में 24 प्रतिशत समय का ही इस्तेमाल कर पाई। सत्र के दूसरे हिस्से में लोकसभा और राज्यसभा में महज 5 प्रतिशत और 6 प्रतिशत हिस्से में ही काम हो पाया।