अमेरिका में सिलिकन वैली बैंक (SVB) संकट के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज आश्वस्त किया कि भारत की बैंकिंग व्यवस्था काफी मजबूत है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक पिछले दो साल से सभी मोर्चों पर घरेलू बैंकों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि वे भविष्य में किसी भी जोखिम से निपटने के लिए तैयार रह सकें।
दास ने केपी होर्मिस स्मारक व्याख्यान के दौरान कहा, ‘हम पिछले कई वर्षों से बैंकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जिस तरीके से भारतीय बैंकिंग प्रणाली विकसित हुई है और आज उसकी जो स्थिति है उससे पता चलता है कि हमारी बैंकिंग व्यवस्था आगे भी मजबूत रहेगी।’
पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली से संबंधित घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए दास ने कहा, ‘अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली के हालिया घटनाक्रम ने बैंकिंग क्षेत्र के विनियमन एवं पर्यवेक्षण की गंभीरता को रेखांकित किया है। ये ऐसे क्षेत्र हैं जिनका किसी भी देश की वित्तीय स्थिरता पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।’
दास ने कहा, ‘पिछले एक सप्ताह के दौरान अमेरिका का घटनाक्रम विवेकपूर्ण परिसंपत्ति देनदारी प्रबंधन, मजबूत जोखिम प्रबंधन, देनदारियों एवं परिसंपत्तियों में लगातार वृद्धि, समय-समय पर दबाव की जांच करने और भविष्य में किसी भी दबाव का सामना करने के लिए बफर तैयार करने महत्त्व को दर्शाता है। इससे यह भी पता चलता है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर क्रिप्टोकरेंसी बैंकों के लिए वास्तव में खतरनाक हो सकती है।’
दास ने जोर देकर कहा कि आरबीआई जोखिम प्रबंधन, परिसंपत्ति परीक्षण, देनदारी आदि सभी मोर्चों पर आवश्यक कदम उठा रहा है।
दास ने कहा कि जोखिम और ब्याज जोखिम के कारण पैदा होने वाले दबाव का सही आकलन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘हाल के वर्षों में विभिन्न उपायों के जरिये आरबीआई की निगरानी व्यवस्था काफी मजबूत हुई है।