रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) का अधिग्रहण करने के संबंध में माना जा रहा है कि हिंदुजा समूह (Hinduja Group) अपने 9,661 करोड़ रुपये के पूरी तरह से नकद प्रस्ताव के लिए रकम जुटाने के वास्ते निजी ऋण समेत अन्य वैकल्पिक साधनों पर विचार कर रहा है।
इससे पहले भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने धन जुटाने के लिए समूह द्वारा दी गई गारंटी की पेशकश नामंजूर कर दी थी।
हिंदुजा समूह 85 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए बार्कलेज, जेपी मॉर्गन, सेर्बेरस कैपिटल मैनेजमेंट और अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट के साथ बातचीत कर रहा था।
इसने गारंटी के रूप में रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश की थी। इन दोनों का ही स्वामित्व रिलायंस कैपिटल के पास है और इसके मूल्य में 90 प्रतिशत से अधिक का योगदान करती हैं।
एक बैंकर के अनुसार कई यूरोपीय बैंक और निजी इक्विटी फंड समूह के साथ बातचीत कर रहे हैं लेकिन फंडों के मामले में दोनों बीमा कंपनियों में पेश किए गए शेयर गारंटी नहीं होंगे।
इससे पहले आईआरडीएआई के यह संकेत दिया था अगर इस अधिग्रहण के लिए धन के स्रोत ने किसी बीमा कंपनी के शेयरों को गिरवी रखा है, तो नियंत्रण में बदलाव के लिए किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
इसके बाद रिजर्व बैंक के प्रशासक ने हिंदुजा समूह को रकम जुटाने की नई योजना आईआरडीएआई को प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
बार्कलेज और जेपी मॉर्गन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया तथा सेर्बेरस कैपिटल और अपोलो को उनकी वेबसाइटों जरिये भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला, जबकि हिंदुजा समूह के प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी बैंक ने धन जुटाने की योजना वापस नहीं ली है।