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रियल एस्टेट में छोटे आकार के रीट्स की तैयारी

रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स का मानना है कि एसएम रीट्स पर सेबी के जोर दिए जाने से अल्पावधि में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की रियल एस्टेट परिसंपत्तियों के नियमन की संभावना है।

Last Updated- April 30, 2024 | 10:35 PM IST
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रियल एस्टेट फ्रैक्शनल ओनरशिप प्लेटफॉर्म (FOP) हाल में लागू किए गए स्मॉल ऐंड मीडियम (S&M) रीट रेग्युलेशंस के तहत छोटे आकार के रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) पेश करने की योजना बना रहे हैं। एचबिट्स, ऐसेटमोंक और वाइजएक्स जैसे प्लेटफॉर्मों ने अपनी योजनाओं को पेश करने की तैयारी कर ली है। सूत्रों का कहना है कि उनके नए निर्गम 75 करोड़ रुपये से 200 करोड़ रुपये के दायरे में हो सकते हैं।

इन रियल एस्टेट प्लेटफॉर्मों को नियामकीय दायरे में लाने के प्रयास में सेबी के बोर्ड ने नवंबर 2023 में एसएम रीट मानकों को मंजूरी दी थी और मार्च में इन्हें अधिसूचित किया था। फ्रैक्शनल ओनरशिप प्लेटफॉर्म किसी रियल एस्टेट परिसंपत्ति का सह-स्वामित्व प्रदान करते हैं, मुख्य तौर पर किराये की आय के तौर पर।

रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स का मानना है कि एसएम रीट्स पर सेबी के जोर दिए जाने से अल्पावधि में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की रियल एस्टेट परिसंपत्तियों के नियमन की संभावना है।

एसएम रीट्स परिसंपत्ति मूल्य का 49 प्रतिशत तक उधार लेकर अपने निवेश का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, इसमें प्रायोजक भी अहम रुप से जुड़ा होता है। एसएम रीट के प्रायोजक को अपनी पूंजी निवेश करनी होगी। इससे प्रायोजक और निवेशकों के बीच हितों का तालमेल सुनिश्चित होता है।

वाणिज्यिक परिसंपत्तियों में निवेश आसान बनाने वाली एचबिट्स ने मई के मध्य तक पंजीकरण के लिए अपने दस्तावेज सौंपने और तीन महीने के अंदर पहला निर्गम जारी करने की योजना बनाई है। कंपनी नई परिसंपत्तियों के लिए 75-100 करोड़ रुपये मूल्य के एसएम रीट्स की योजना बना रही है, जो मुंबई, बेंगलूरु या पुणे में होंगी।

अन्य वैकल्पिक रियल एस्टेट निवेश प्लेटफॉर्म ऐसेटमोंक भी इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक 200 करोड़ रुपये का निर्गम लाने की संभावना तलाश रहा है। यह इस साल जून के अंत तक सेबी के समक्ष पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकता है। मंजूरी के बाद वह अपनी मौजूदा परिसंपत्तियां नए ढांचे में स्थानांतरित करने की भी संभावना तलाशेगी।

ऐसेटमोंक के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी पृथ्वी रेड्डी ने कहा, ‘हम नए निर्गम के लिए प्रतिक्रिया के आधार पर परिसंपत्तियों के स्थानांतरण का अनुमान लगाएंगे। हमने परिसंपत्तियों की पहचान की है, लेकिन हम अतिरिक्त लागत को समझने की कोशिश कर रहे हैं और अपने वित्तीय मॉडलों में बदलाव ला रहे हैं।’

रेड्डी का कहना है कि मौजूदा परिसंपत्तियों को एसएम रीट्स ढांचे पर स्थानांतरित करने के लिए उन्हें मौजूदा निवेशकों से मंजूरी लेने की जरूरत होगी और उनके साथ गहन विचार-विमर्श करना होगा जिसमें समय लग सकता है। कंपनी का पहला निर्गम वर्ष के अंत तक या अगले साल की पहली तिमाही तक आ पाएगा।

वाइजएक्स के मुख्य कार्याधिकारी आर्यमन वीर भी नए निर्गम के साथ कंपनी की मौजूदा परिसंपत्तियों को नवीनतम ढांचे से जोड़ने की योजना पर विचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम मौजूदा समय में परामर्श के चरण में हैं और तीन महीने में क्रियान्वयन प्रक्रिया में तेजी की उम्मीद कर रहे हैं। नए अवसरों के लिए परिसंपत्तियों का हमारा मूल्यांकन 50-100 करोड़ रुपये के दायरे में है।’

नए मानकों के साथ आवासीय और वाणिज्यिक दोनों परिसंपत्तियों (50 करोड़ रुपये की न्यूनतम वैल्यू) को एसएम रीट्स में शामिल किया जा सकेगा। मौजूदा समय में बड़े आकार की वाणिज्यिक परिसंपत्तियां ही रीट्स में शामिल हो सकती हैं।

First Published - April 30, 2024 | 9:58 PM IST

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