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ग्राहकों को भ्रमित करने के लिए न हो आदेश का उपयोग

Last Updated- April 13, 2023 | 9:30 AM IST
hotel bill

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि सीसीपीए (केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण) के दिशानिर्देशों पर अंतरिम स्थगनादेश का इस्तेमाल ग्राहकों को भ्रमित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए कि सेवा शुल्क को न्यायालय की मंजूरी मिल गई है। न्यायालय ने अंतरिम आदेश में उन दिशानिर्देशों पर रोक लगा दी थी, जिसमें खानपान की दुकानों को सेवा शुल्क लगाने से रोका गया है।

नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआई) और फेडरेशन आफ होटल ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (एफएचआरएआई) की याचिका की सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने एसोसिएशनों से कहा कि वे बताएं कि खानपान की कितनी दुकानें ग्राहकों को यह बताने को इच्छुक हैं कि सेवा शुल्क अनिवार्य नहीं है।

एसोसिएशनों ने सीसीपीए के 4 जुलाई 2022 के दिशानिर्देशों को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया है कि रेस्टोरेंट और होटल खाने के बिल पर स्वतःस्फूर्त सेवा शुल्क नहीं लगा सकते।

First Published - April 13, 2023 | 9:30 AM IST

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