कंपनी मामलों के मंत्रालय की तीसरे संस्करण की वेबसाइट से कंपनियों के लिए निगमन व परिवर्तन करना और आसान हो जाएगा। मंत्रालय ने 20 जनवरी को जारी एक अधिसूचना से कंपनी निगमन नियम, 2014 और कंपनीज- अथराइज्ड टु रजिस्टर रूल्स, 2014 में संशोधन कर दिया है। अब तीसरे संस्करण में कंपनी के परिवर्तन के सभी मामलों में मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन (एमओए) और आर्टिकल आफ एसोसिएशन (एओए) की भौतिक प्रति की जगह सिर्फ ई-एमओए और ई-एओए दाखिल करना होगा।
हाल के तीसरे संस्करण में सोमवार को कंपनी मामलों के मंत्रालय ने 46 से ज्यादा फॉर्म मुहैया कराया है, जिससे आसानी से और तेजी से फाइलिंग हो सके।
जब किसी एक व्यक्ति की कंपनी को सार्वजनिक या निजी कंपनी में परिवर्तित करना हो उसके लिए एक फॉर्म आईएनसी दाखिल करना होगा, जिसके साथ ई-एमओए और ई-एओए होगा। इसमें समाधान की कॉपी, प्रस्तावित सदस्यों और डायरेक्टरों की सूची, कर्जदाताओं की सूची और हाल की ऑडिट किए हुए फाइनैंशियल स्टेटमेंट दाखिल नहीं करने होंगे। कंपनी पंजीयक एमसीए के रिकॉर्डों में ऑडिट की हुई हाल की फाइनैंशियल स्टेटमेंट की जांच करने के बाद इस तरह के परिवर्तन के निगमन संबंधी एक प्रमाणपत्र जारी करेगा।
मौजूदा कंपनी को धारा 8 की कंपनी में बदलने के लिए कंपनी को फॉर्म आईएनसी-12 में आवेदन करना होगा। कंपनियों को भविष्य की वार्षिक आमदनी का अनुमान और 3 साल के व्यय के साथ 2 साल के फाइनैंशियल स्टेटमेंट, बोर्ड की रिपोर्ट व अन्य चीजें दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी।
कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स में पार्टनर अंकित सिंघी ने कहा, ‘क्षेत्रीय निदेशक के पास फाइल किए गए आवेदन को एमसीए सिस्टम के माध्यम से कंपनी पंजीयक के साझा कर दिया जाएगा और सीधे सूचना पहुंच जाएगी। पहले इसे कंपनी पंजीयक के पास अलग से दाखिल करना जरूरी था।’