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अमेरिकी पेंशन फंड में बदलाव से RIL, आईसीआईसीआई, Infosys में ज्यादा निवेश

भारत मौजूदा विकसित बाजारों के दबदबे वाले एमएससीआई ईएएफई इंडेक्स (जो पेंशन फंड का इस्तेमाल करता है) का हिस्सा नहीं है।

Last Updated- December 06, 2023 | 10:22 PM IST
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अमेरिकी सरकार के प्रमुख सेवानिवृति कोषों में से एक फेडरल रिटायरमेंट थ्रिफ्ट इन्वेस्टमेंट बोर्ड (एफआरटीआईबी) द्वारा अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए प्रमुख सूचकांक में बदलाव का निर्णय लिए जाने से घरेलू इक्विटी में 3.6 अरब डॉलर (30,000 करोड़ रुपये) के निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

नए एमएससीआई एसीडब्ल्यूआईआईएमआई एक्स यूएसए एक्स चाइना एक्स हॉन्गकॉन्ग इंडेक्स में भारत का भारांक 5.3 प्रतिशत है, जो सात महीने में सर्वाधिक है। अमेरिका के एफआरटीआईबी ने अब इसका इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। भारत मौजूदा विकसित बाजारों के दबदबे वाले एमएससीआई ईएएफई इंडेक्स (जो पेंशन फंड का इस्तेमाल करता है) का हिस्सा नहीं है।

नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च द्वारा कराए गए विश्लेषण से पता चला है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक इस बदलाव की वजह से ज्यादा निवेश आकर्षित करेंगे। इन चार कंपनियों में निवेश प्रवाह 1,200 करोड़ रुपये और 2,000 करोड़ रुपये के दायरे में होगा।

इसके अलावा, 30,000 करोड़ रुपये का निवेश 567 भारतीय शेयरों में होगा, जो एमएससीआई एसीडब्ल्यूआई आईएमआई एक्स यूएसए एक्स चाइना एक्स हॉन्गकॉन्ग इंडेक्स में शामिल हैं।

नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटीटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाश पगारिया ने कहा, ‘2024 में संभावित प्रवाह 3.6 अरब डॉलर से 3.8 अरब डॉलर के दायरे में हो सकता है। जहां यह भारत के लिए ज्यादा मजबूत विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिहाज से एक सकारात्मक कदम है, वहीं कुछ खास शेयरों या बाजार पर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ सकता है। चूंकि निवेश 563 शेयरों में उनके फ्री फ्लोट के अनुपात में विभाजित होगा।’

इसके अलावा इस बारे में कोई समय-सीमा निश्चित नहीं है कि सूचकांक में बदलाव कब पूरा होगा। एफआरटीआईबी ने घोषणा की है कि वह 2024 में मौजूदा सूचकांक से नए सूचकांक में तब्दील होने से जुड़े बदलाव पर अमल के लिए फंड प्रबंधकों के साथ काम करेगा।

First Published - December 6, 2023 | 10:17 PM IST

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