इंडिगो ने प्रैट ऐंड व्हिटनी (पीडब्ल्यू) को जल्द से जल्द इंजन उपलब्ध कराने के लिए कहा है ताकि कंपनी अपने ठप पड़े विमानों का परिचालन शुरू कर सके। यह जानकारी बुधवार को सूत्रों ने दी। साथ ही सूत्रों ने बताया कि गो फर्स्ट के परिचालन से बाहर होने के बाद खाली हुए मार्गों पर मांग पूरी करने के लिए विमानन कंपनी घरेलू उड़ानों की संख्या बढ़ाना चाहती है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट के पास दिवालिया आवेदन दाखिल करने के बाद गो फर्स्ट ने 3 मई से उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया है। गो फर्स्ट ने अपनी स्थिति के लिए पूरी तरह से पीडब्लू को दोषी ठहराया है। कंपनी का कहना है कि इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण इसके 54 विमानों के बेड़े में से लगभग आधे ठप पड़े हैं।
विमानन विश्लेषण फर्म सीरियम के अनुसार, इंडिगो में पीडब्ल्यू के इंजन वाले विमानों की संख्या 23 से बढ़कर 15 मई तक 36 हो गई। परिचालन से दूर कुल विमानों की संख्या इंडिगो में अब 25 से बढ़कर 37 हो गई है। इंडिगो को इंजन देने की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर पीडब्ल्यू इंडिया के अधिकारी ने कहा कि कोविड महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बाद आपूर्ति श्रृंखला में अब सुधार आ रहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस साल हालात सामान्य हो जाएंगे। इससे हमें नए इंजनों का उत्पादन बढ़ाने और मरम्मत में मदद मिलेगी। अल्पावधि कें हम अपने आपूर्तिकर्ताओं को प्रत्यक्ष तौर पर लॉजिस्टिक संबंधित मदद प्रदान कर रहे हैं।
हम अपनी एमआरओ (मैंटेनेंस, रिपेयर एवं ओवरहॉल) क्षमता भी बढ़ा रहे हैं तथा सेवा की उपलब्धता सुधारने पर भी दिया दे रहे हैं।’ इंडिगो का मानना है कि वह यदि सभी बंद विमानों को फिर से चालू करने में सक्षम रही तो रोजाना कम से कम 150 उड़ानों का संचालन कर सकेगी।