facebookmetapixel
L Catterton ने हल्दीराम में किया निवेश, ब्रांड और विस्तार पर मिलेगा फोकससबसे बुरा दौर बीता, 19 साल की मेहनत को 3 दिन से न आंके: इंडिगो CEO ने वीडियो संदेश में कहाStock To Buy: लिस्टिंग से पहले ही इस स्टॉक ब्रोकरेज हुआ बुलिश, BUY रेटिंग के साथ 39% अपसाइड का दिया टारगेटGold, Silver price today: चांदी ऑल टाइम हाई से फिसली, सोना की कीमतों में भी नरमीकैश और डेरिवेटिव ब्रोकरेज पर सेबी की कैंची, ब्रोकर्स अब क्या करेंगे?₹30 में 4 किमी सफर, दिल्ली में लॉन्च होने जा रही है भारत टैक्सी; ओला-उबर की बढ़ी टेंशन!ट्रंप ने किया ‘वॉरियर डिविडेंड’ का ऐलान, 14.5 लाख सैन्य कर्मियों को एकमुश्त मिलेंगे 1,776 डॉलरKSH International IPO: अब तक 28% भरा इश्यू, सब्सक्राइब करना चाहिए या नहीं; ग्रे मार्केट ये दे रहा इशारा77% तक रिटर्न देने को तैयार ये Realty Stock! ब्रोकरेज ने कहा- नए शहरों में विस्तार से तेजी की उम्मीदCAFE-3 मानकों पर विवाद अब PMO तक पहुंचा, JSW MG और Tata Motors ने उठाया मुद्दा

स्मॉल-मिडकैप में भारी निकासी, इक्विटी फंडों की चमक घटी…SIP में निवेश बढ़ा

इक्विटी योजनाओं ने पिछले महीने 14,090 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया, जो अगस्त (20,250 करोड़ रुपये) के मुकाबले 30 प्रतिशत कम है।

Last Updated- October 11, 2023 | 10:09 PM IST
SIP

सितंबर में इक्विटी म्युचुअल फंड (MF) योजनाओं में शुद्ध पूंजी प्रवाह घट गया। इसका कारण स्मॉलकैप और मिडकैप योजनाओं में भारी निकासी रही। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (Amfi) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी योजनाओं ने पिछले महीने 14,090 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया, जो अगस्त (20,250 करोड़ रुपये) के मुकाबले 30 प्रतिशत कम है।
:
एसआईपी विकल्प के जरिये हुए रिकॉर्ड निवेश की वजह से सकल निवेश प्रवाह 42,160 करोड़ रुपये पर मजबूत बना रहा। सकल एसआईपी का योगदान सितंबर में 16,042 करोड़ रुपये के नए सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।
साथ ही, कुछ खास इक्विटी योजनाओं में निकासी भी बढ़ गई। सितंबर में स्मॉलकैप योजनाओं से निवेशकों ने 4,200 करोड़ रुपये निकाले, जो जनवरी 2020 के बाद से सर्वाधिक बड़ा आंकड़ा है। वहीं इन योजनाओं में नया निवेश भी लगातार बढ़ा और सितंबर में यह 6,875 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मिडकैप फंडों के मामले में, निकासी मासिक आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 3,234 करोड़ रुपये हो गई।
निकासी में वृद्धि महंगे मूल्यांकन की चिंताओं के बीच हुई है। कुछ ब्रोकरों के अनुसार, मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंटों में मूल्यांकन ज्यादा बढ़ गया था और इस वजह से वे लार्जकैप की तुलना में कम आकर्षक रह गए। साथ ही, कुछ कारोबारी सत्रों के दौरान स्मॉलकैप शेयरों में हुई बड़ी बिकवाली से निवेशकों ने इस सेगमेंट के फंडों से भी अपना निवेश निकलना उचित समझा।
12 सितंबर को मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने 2023 में अपनी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की थी। तब स्मॉलकैप 100 सूचकांक 4.1 प्रतिशत, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 3.1 प्रतिशत गिर गया था।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के विश्लेषक (मैनेजर रिसर्च) मेलविन सांतारिता ने कहा, ‘स्मॉलकैप और मिडकैप, दोनों में शुद्ध प्रवाह की मात्रा पिछले महीनों की तुलना में घटी है। इसके बाद भी वे शुद्ध प्रवाह हासिल करने वाले सबसे बड़े सेगमेंटों में बने रहे। स्मॉलकैप और मिडकैप में निवेश में कमी को निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली के साथ साथ बढ़े हुए मूल्यांकन से जुड़ी चिंताओं को जिम्मेदार माना जा सकता है।’
महीने की मजबूत शुरुआत के बाद, बाजारों ने कुछ बढ़त गंवा दी और सितंबर में निफ्टी-50 तथा सेंसेक्स में 2 प्रतिशत और 1.5 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। समान महीने में, निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.9 प्रतिशत तेजी आई और निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 0.1 प्रतिशत कमजोरी के साथ बंद हुआ।

First Published - October 11, 2023 | 10:09 PM IST

संबंधित पोस्ट