अदाणी समूह के शेयरों की कीमतों और अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड कीमतों में भारी गिरावट के बीच अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा जारी करीब 1,497 करोड़ रुपये की वाणिज्यिक प्रतिभूतियां 6 फरवरी से 27 अप्रैल, 2023 के बीच अपनी परिपक्वता अवधि पूरी कर लेंगी। सूत्रों द्वारा दिए गए डेटा से इस बात की पुष्टि होती है।
वाणिज्यिक प्रतिभूतियां, (सीपी) लघु अवधि की देनदारियों की भरपाई करने के लिए कर्ज का साधन होती हैं।
डेटा के मुताबिक अदाणी एंटरप्राइजेज द्वारा जारी सीपी अधिकांशतः तीन महीने की परिपक्वता अवधि वाली जबकि कुछ छह महीने की परिपक्वता अवधि वाली थीं।
डेटा के मुताबिक फरवरी 2023 में करीब 215 करोड़ रुपये की सीपी परिपक्व हो जाएगी। इनमें से 30 करोड़ रुपये के सीपी को पहले ही भुनाया जा चुका है। मार्च 2023 में करीब 1,257 करोड़ रुपये का सीपी परिपक्व होने के लिए तैयार है जबकि करीब 55 करोड़ रुपये वाले सीपी अप्रैल 2023 में परिपक्व होंगे। मई 2023 से अक्टूबर 2023 तक करीब 112 करोड़ रुपये के सीपी परिपक्व होने वाले हैं।
डेटा दर्शाते हैं कि 6 फरवरी से 27 अप्रैल तक परिपक्व होने वाले सीपी के लिए कूपन दर 7.90-8.25 प्रतिशत के दायरे में था। कूपन दर से यह पता चलता है कि जारीकर्ता कंपनी ने निवेशक को प्रतिफल का भुगतान किया है। डेटा दर्शाते हैं कि जनवरी 2024 में अदाणी एंटरप्राइजेज की50 करोड़ रुपये की सीपी भुनाई जानी है।
ट्रेजरी अधिकारियों ने कहा कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए तीन महीने की वाणिज्यिक प्रतिभूतियों की दर करीब 7.50-7.60 प्रतिशत है। उनका कहना था कि इस मौके पर अदाणी एंटरप्राइजेज के वाणिज्यिक प्रतिभूतियों के लिए कोई ताजा बोली नहीं लगी है। अदाणी समूह में व्यापक हलचल के बीच बाजार प्रतिभागियों का कहना है कि सीपी का आगामी पुनर्भुगतान बेहद सुगम तरीके से होगा।
एक स्रोत ने कहा, ‘हिंडनबर्ग प्रकरण के बाद अदाणी के लिए सीपी बाजार में कोई बोली नहीं है। हालांकि आगामी सीपी से जुड़े पुनर्भुगतान के लिए थोड़ा संदेह दिखता है क्योंकि इसका एक बड़ा हिस्सा अदाणी पोर्ट्स के लिए होगा जिसमें नकदी की स्थिति मजबूत है।’ एक स्रोत ने कहा, ‘इसकी संभावना कम है कि डीएचएफएल (दीवान हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड) संकट जैसी स्थिति बने जब वाणिज्यिक पत्र बाजार में बिके। अदाणी सीपी के लिए अच्छी बात यह होगी कि वे परिपक्व हों। इनके लिए खरीदार मिलना मुश्किल होगा। हालांकि अगर कोई खरीदने के लिए तैयार होगा तो यह 11-12 फीसदी तक होगा।’
अमेरिका की हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट जारी होने के छह दिनों के भीतर अदाणी समूह की कंपनियों की शेयर कीमतों में 50 फीसदी से अधिक गिरावट आ चुकी है। इस रिसर्च रिपोर्ट में यह आरोप लगाए गए थे कि भारत के इस औद्योगिक समूह ने कर के लिहाज से अनुकूल देशों में कई कंपनियों का इस्तेमाल करके अपना राजस्व और शेयर कीमतें बढ़ाकर दिखाया।