facebookmetapixel
₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्सभारतीय IT कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका! आउटसोर्सिंग रोकने पर विचार कर रहे ट्रंप, लॉरा लूमर का दावाये Bank Stock कराएगा अच्छा मुनाफा! क्रेडिट ग्रोथ पर मैनेजमेंट को भरोसा; ब्रोकरेज की सलाह- ₹270 के टारगेट के लिए खरीदेंपीएम मोदी इस साल UNGA भाषण से होंगे अनुपस्थित, विदेश मंत्री जयशंकर संभालेंगे भारत की जिम्मेदारीस्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्जपॉलिसीधारक कर सकते हैं फ्री लुक पीरियड का इस्तेमाल, लेकिन सतर्क रहेंGST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तार

केंद्र ने बचाया सब्सिडी और गेहूं का भंडार

विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं बचने से सरकार कीमतें बढ़ने पर बाजार में हस्तक्षेप कर सकेगी, साथ ही इससे PMGKY के बार बार विस्तार से काबू के बाहर जा रहे सब्सिडी के बोझ से भी राहत मिलेगी।

Last Updated- December 26, 2022 | 12:01 PM IST
Govt digitisation drive removes 58 million fake ration cards from PDS PDS के डिजिटलीकरण से 5.8 करोड़ फर्जी राशन कार्ड हटाये गये: सरकार
BS

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) खत्म करके और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मिलने वाला अनाज पूरी तरह मुफ्त करके न सिर्फ खाद्य सब्सिडी (subsidy) का बोझ कम किया है, बल्कि इससे गेहूं का भंडार भी बचेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं बचने से सरकार कीमतें बढ़ने पर बाजार में हस्तक्षेप कर सकेगी, साथ ही इससे PMGKY के बार बार विस्तार से काबू के बाहर जा रहे सब्सिडी के बोझ से भी राहत मिलेगी।

2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के हिसाब से इसका अहम राजनीतिक महत्व है, क्योंकि भारत में कोविड-19 जैसी महामारी की स्थिति को अगर छोड़ दें तो राष्ट्रीय स्तर पर कभी मुफ्त अनाज नहीं दिया गया है। इस कदम से राज्यों में बड़े विक्रय केंद्र बनेंगे, जो PDS के तहत मुफ्त में अनाज बांटेंगे और अपने हिस्से की सब्सिडी देंगे, जो पहले ही केंद्र की तुलना में बहुत कम है।

सूत्रों ने कहा कि एक सामान्य वर्ष में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत PDS से बांटे जाने वाले अनाज पर लगभग 1,80,000 करोड़ रुपये सब्सिडी देनी पड़ती है। वहीं केंद्र सरकार कोविड-19 की पहली लहर से ही PMGKY के तहत PDS के सभी लाभार्थियों को अतिरिक्त अनाज दे रही थी, जिस पर PDS के तहत दी जा रही सब्सिडी के बराबर ही खर्च पड़ रहा था।

यह भी पढ़ें:भारत ने अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 1.5 अरब डॉलर मूल्य के गेहूं का निर्यात किया

PMGKY बंद करने से सरकार को अतिरिक्त राशि का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। वहीं NFSA के तहत मिलने वाला अनाज मुप्फ्त करने की वजह से सिर्फ 10,000 से 15,000 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे। केंद्र द्वारा तय मूल्य (CIP) पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के 81 करोड़ लाभार्थियों को अनाज मिलता है।

First Published - December 25, 2022 | 9:29 PM IST

संबंधित पोस्ट