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Tax Refund: धोखाधड़ी से बचें, किसी भी संदिग्ध लिंक पर सीधे न करें क्लिक

किसी भी लिंक पर तब तक क्लिक न करें, जब तक साबित न हो जाए कि यह आयकर विभाग से ही आया है।

Last Updated- September 17, 2023 | 11:34 PM IST
Tax Refund

अगर इस साल आपका आयकर रिफंड बना है और आपके पास इसके लिए कोई ईमेल या एसएमएस आया है तो आपको सतर्कता बरतनी चाहिए वरना आप फर्जीवाड़े के शिकार हो सकते हैं। आयकर विभाग ने करदाताओं को इस घोटाले के बारे में आगाह किया है और पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी सोशल मीडिया पर चेतावनी दी है।

पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलीसिटर्स में पार्टनर विपुल जय कहते हैं, ‘आयकर विभाग ने हाल ही में करदाताओं को आयकर रिफंड के बारे में आने वाले संदेशों पर सतर्कता बरतने को कहा है क्योंकि लापरवाही बरतने पर लोग फिशिंग के शिकार हो सकते हैं।’

कैसे होता है घोटाला

फिशिंग घोटाला करने वाले करदाताओं को संदेश भेजकर बताते हैं कि उनके खाते में आयकर रिफंड भेज दिया गया है। इन संदेशों में आम तौर पर गलत खाता क्रमांक (अकाउंट नंबर) दिया होता है, जो करदाता के पंजीकृत बैंक खाते से मेल नहीं खाता।

संदेश में एक लिंक दिया जाता है और करदाता से अपना खाता क्रमांक और दूसरा ब्योरा अपडेट करने के लिए कहा जाता है। लिंक पर क्लिक करते ही करदाता आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट पर पहुंच जाता है।

इस फर्जी वेबसाइट पर करदाता से स्थायी लेखा संख्या (पैन), आधार क्रमांक और बैंक खाते के विवरण जैसी निजी जानकारी भरने के लिए कहा जाता है। जय बताते हैं, ‘अगर करदाता फर्जी वेबसाइट पर अपना ब्योरा भर देता है तो घोटालेबाज उसका इस्तेमाल कर उसके बैंक खाते तक पहुंच जाते हैं।’

करंजावाला ऐंड कंपनी में प्रिंसिपल एसोसिएट अंकित राजगढ़िया करदाताओं को आगाह करते हैं कि जब तक यह साबित न हो जाए कि यह संदेश आयकर विभाग ने भेजा है और उसे क्लिक करने पर खुली वेबसाइट भी आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट है तब तक न तो कोई गोपनीय जानकारी दें और न ही आयकर रिटर्न के सिलसिले में कुछ करें।

सतर्कता बहुत जरूरी

किसी भी लिंक पर तब तक क्लिक न करें, जब तक साबित न हो जाए कि यह आयकर विभाग से ही आया है। अगर छोटा यानी शॉर्ट लिंक आया है तो इंटरनेट पर लिंक बड़ा करने के लिए मौजूद टूल का इस्तेमाल कर उसका पूरा यूआरएल पता कर लीजिए।

एक्सपैंडयूआरएल डॉट नेट और चेकशॉर्टयूआरएल डॉट कॉम असली यूआरएल बताने वाली दो वेबसाइट हैं। जय कहते हैं कि फर्जी संदेश साबित हो जाए तो भेजने वाले को ब्लॉक कर दीजिए ताकि आप आगे भी महफूज रहें।

यदि आप यूआरएल या स्रोत जांचने के लिए मेहनत नहीं करना चाहते तो संदेश में आया लिंक क्लिक करने के बजाय अपने ब्राउजर में आधिकारिक वेबसाइट का एड्रेस टाइप कर सीधे असली वेबसाइट पर चले जाइए।

उच्चतम न्यायालय में वकील संदीप बजाज सलाह देते हैं, ‘किसी भी तरह की जानकारी के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ही भरोसा कीजिए।’ याद रहे कि आयकर विभाग कभी ईमेल या एसएमएस भेजकर निजी जानकारी नहीं मांगता।

यदि आप किसी फर्जी वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी दे चुके हैं तो फौरन हरकत में आ जाइए। आईपी पसरीचा ऐंड कंपनी में पार्टनर मनीत पाल सिंह कहते हैं, ‘आयकर विभाग से संपर्क कीजिए। साथ ही आयकर विभाग की वेबसाइट, साइबर अपराध निरोधक एवं प्रतिक्रिया केंद्र तथा राष्ट्रीय साइबर अपराध सूचना पोर्टल पर इस फर्जीवाड़े की जानकारी भी दीजिए।’

रिफंड में देर क्यों?

आयकर रिफंड मिलने का समय अलग-अलग हो सकता है। बजाज के मुताबिक रिटर्न दाखिल करने के तीन से 45 दिन के भीतर रिफंड आ जाना चाहिए। मगर कई कारणों से इसमें देर हो सकती है। राजगढ़िया समझाते हैं, ‘जानकारी में गड़बड़ी हो तो रिफंड फंस सकता है। करदाता से मिली जानकारी और विभाग के पास मौजूद जानकारी में फर्क हो सकता है।’

करदाता पर विभाग का बकाया भी एक वजह हो सकती है। हो सकता है कि बकाया ज्यादा हो और रिफंड की रकम से उसकी भरपाई कर ली गई हो। कर अधिकारियों को रिटर्न में दी गई जानकारी के सत्यापन में भी समय लग जाता है। राजगढ़िया कहते हैं, ‘यदि भारी संख्या में रिटर्न दाखिल किए गए हैं या कोई प्रशासनिक कारण है तो बड़ी तादाद में रिटर्न प्रोसेसिंग के लिए बच जाते हैं। ऐसे में रिफंड आने में भी समय लग सकता है।’

करदाता ने बैंक का गलत ब्योरा भरा हो तो रिफंड किसी दूसरे खाते में जा सकता है। सिंह कहते हैं, ‘यदि आयकर विभाग को आपके कर रिटर्न में किसी तरह के फर्जीवाड़े की बू आती है तो उसे विस्तार से जांच करने का अधिकार है। इसें हफ्ते या महीने लग सकते हैं और रिफंड भी देर से आता है।’

करदाता क्या करें?

यदि रिफंड में देर हो रही है तो आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिफंड की स्थिति देखिए। राजगढ़िया का सुझाव है, ‘ज्यादा देर हो जाए तो विभाग से संपर्क कीजिए। आयकर विभाग के कस्टमर केयर या हेल्पलाइन पर जाकर इसकी वजह पूछिए।’

जरूरी हो तो अधिकारियों से जानकारी मांगिए और रिफंड जल्दी पाने के लिए जरूरी दस्तावेज भेज दीजिए। पहले का बकाया कर हो तो उसे भर दीजिए। सिंह कहते हैं, ‘यदि करदाता ने रिटर्न सही दाखिल किया है मगर रिफंड नहीं मिला है या विभाग ने उस बारे में कोई नोटिस जारी किया हो तो करदाता सुधार वाला रिटर्न भर सकता है।’

First Published - September 17, 2023 | 11:34 PM IST

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