स्पैम कॉल्स और फ्रॉड मैसेज से परेशान यूजर्स के लिए Whatsapp और Truecaller की जुगलबंदी राहत की खबर है। इंस्टेंट मैसेजिंग एप WhatsApp को जल्द ही Truecaller की कॉलर आइडेंटिफिकेशन सर्विस का सपोर्ट मिलने वाला है। इससे यूजर्स के लिए WhatsApp पर फ्रॉड कॉल या मैसेज का पता लगाना आसान होने वाला है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को Truecaller और WhatsApp ने ग्लोबल स्तर पर साझेदारी का ऐलान किया है।
कई लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता हैं कि जब उनके फोन में पहले से ही Truecaller मौजूद है, तो ऐसे में WhatsApp पर इसकी एंट्री से यूजर्स को क्या फायदा होगा? बता दें कि WhatsApp पर Truecaller के सपोर्ट से यूजर्स की मौज होने वाली हैं। इस फीचर के रोलआउट होने के बाद WhatsApp पर इंटरनेट के माध्यम से आने वाले स्पैम कॉल्स और फ्रॉड मैसेज का पता लगाना आसान हो जाएगा। Truecaller की तरफ से अभी तक यह सुविधा टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर वाली कॉल्स के लिए ही उपलब्ध थी। बता दें कि भारत समेत दुनियाभर में टेलीमार्केटर्स और हैकर्स की ओर से WhatsApp से फ्रॉड कॉल के मामले बढ़ रहे हैं।
Truecaller के चीफ एक्जीक्यूटिव एलन ममेदी (Alan Mamedi) ने बताया कि अभी यह फीचर बीटा वर्जन में उपलब्ध है। जिसे इस माह मई के अंत में ग्लोबली रोलआउट कर दिया जाएगा। हालांकि कंपनी ने कोई डेडलाइन नहीं दी है।
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Truecaller की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, टेलीमार्केटिंग और स्कैमिंग कॉल भारत जैसे देशों में बढ़ रहे हैं, जहां यूजर्स को प्रति माह औसतन लगभग 17 स्पैम कॉल मिलते हैं। बता दें कि फरवरी में भारत के दूरसंचार नियामक TRAI ने Jio और Airtel जैसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को AI फिल्टर का उपयोग करके अपने नेटवर्क पर टेलीमार्केटिंग कॉल को ब्लॉक करना शुरू करने का निर्देश दिया था।