भारत में मेटा के प्रबंध निदेशक और प्रमुख अरुण श्रीनिवास
भारत में मेटा के प्रबंध निदेशक और प्रमुख अरुण श्रीनिवास कंपनी के कारोबार खास तौर पर छोटे और मझोले उद्यमों को दिए जाने वाले अपने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर बहुत उत्साहित हैं। पद संभालने के बाद दिए गए पहले साक्षात्कार में उन्होंने शिवानी शिंदे के साथ बातचीत में व्हाट्सऐप मेसेजिंग में एसएमबी की बढ़ती अहमियत, व्हाट्सऐप पे और भारत से नवाचार के बारे में विस्तार से बात की। संक्षिप्त अंश :
नई भूमिका में आपको 6 महीने हो गए हैं। अब तक का सफर कैसा रहा?
यह बहुत उत्साहजनक रहा। भारत हमेशा से हमारे लिए सबसे आगे रहा है क्योंकि यह एक ऐसा देश है जो डिजिटलीकरण के सफर पर है और यहां की आबादी और विविधता हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एकदम मुफीद है। हमारे पास व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम तथा मेटा एआई के अच्छे खासे उपयोगकर्ता हैं। इसके साथ ही हमारा क्रिएटर इकोसिस्टम भी है। भारत हमारे ग्लोबल क्रिएटर इकोसिस्टम का एक बड़ा हिस्सा है। प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाले कंटेंट का एक बड़ा हिस्सा भारत से आता है। सही मायने में भारत मेटा के लिए बहुत जरूरी है। भारत हमारे लिए केवल महत्त्वपूर्ण बाजार ही नहीं है बल्कि अपने प्लेटफॉर्म पर एआई के भविष्य की कल्पना करने में भारत सबसे आगे है।
व्हाट्सऐप बिज़नेस मेसेजिंग सेगमेंट में आपको क्या रुझान दिखते हैं?
व्हाट्सऐप पर हमारी पहली प्राथमिकता हमेशा उपयोगकर्ता का अनुभव होता है। 2 लाख से ज्यादा छोटे और मझोले व्यवसाय पहले से ही अपने रोजमर्रा के काम को चलाने के लिए क्लिक टू व्हाट्सऐप का उपयोग कर रहे हैं। ये व्यवसाय आम तौर पर एक दिन में 20-25 लीड जेनरेट करते हैं। कैटलॉग और क्विक रिप्लाई जैसे आसान टूल्स ने व्हाट्सऐप को उनका मुख्य
स्टोरफ्रंट बना दिया है। एक उद्यमी ने बताया कि हमें अब वेबसाइट डेवलप करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां सब कुछ उपलब्ध है। भारत में करीब 7-8 करोड़ छोटे व्यवसाय हैं, उनमें से कई लोग छोटे दायरे में ग्राहकों को लक्षित करने के लिए इंस्टाग्राम ऐड का इस्तेमाल करते हैं। बड़े व्यवसाय व्हाट्सऐप पर मार्केटिंग मेसेज का उपयोग करते हैं।
भारत में मेटा के लिए एसएमबी कितना जरूरी है?
मेटा के लिए एसएमबी सेगमेंट बहुत जरूरी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में लगभग 6.5-7 करोड़ छोटे और मझोले व्यवसाय हैं। हमारे प्लेटफॉर्म पर आज मौजूद सभी व्यवसाय में से 92 फीसदी एसएमबी हैं इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वे ग्राहक से जुड़ने के लिए अपने स्टोरफ्रंट या शॉपफ्रंट के तौर पर मेटा पर कितना भरोसा करते हैं। हमारा मकसद इस सेगमेंट पर दोगुना ध्यान देने का है।
व्हाट्सऐप पे की क्या रणनीति है?
इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर हम जिस तरह की वृद्धि देख रहे हैं, उसके आधार पर हम इस बारे में सक्रियता से विचार कर रहे हैं कि व्हाट्सऐप पे का अगला चरण क्या होना चाहिए। आज भी उपयोगकर्ता ऐप के अंदर सीधे एक-दूसरे को भुगतान कर सकते हैं। हम पहले से ही पीयर-टू-पीयर (पी2पी) भुगतान में अच्छी-खासी बढ़त देख रहे हैं।