कोविड-19 महामारी संपूर्ण वाहन बाजार को प्रभावित कर सकती है, लेकिन कुछ ऐसे खास सेगमेंट है जिनमें प्रत्येक श्रेणी न सिर्फ मजबूत बनी हुई है बल्कि उनमें मांग में तेजी भी दर्ज की गई है।
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में खरीदार मध्यम आकार के एसयूवी और डीलक्स मोटरसाइकिलों (150सीसी से 200सीसी) को पसंद कर रहे हैं। जैटो डायनेमिक्स के अध्यक्ष एवं निदेशक रवि भाटिया ने कहा, ‘मौजूदा परिस्थितियों में, सबसे सहज चीज सस्ते के लिए जानी जाएगी। लेकिन हम ऐसा नहीं देख रहे हैं।’ भाटिया ने कहा कि निर्माता लोअर ट्रिम वेरिएंट वाले वाहन भी बना रहे हैं और मूल्य के प्रति संजीदा तथा नवीनता पसंद करने वाले खरीदार थोड़ी और ज्यादा रकम खर्च करने को तैयार थे और इससे बाजार में प्रीमियमाइजेशन यानी महंगी वस्तुएं खरीदने का रुझान बढ़ रहा है।
20 लाख रुपये से कम कीमत वाले एसयूवी की बिक्री अगस्त तक के तीन महीनों में 46.02 प्रतिशत बढ़ी। यह कुल यात्री वाहन बाजार के काफी विपरीत है, जिसमें 0.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसे खासकर क्रेटा और सेल्टोस से मदद मिली।
दोपहिया में, 150सीसी से 200सीसी सेगमेंट की मोटरसाइकिलों की लोकप्रियता बढ़ी है। टीवीएस अपाचे की मदद से इनमें 10 प्रतिशत की वृद्घि दिखी है भले ही कुल दोपहिया सेगमेंट में 17.5 प्रतिशत की कमजोरी आई हो।
दोपहिया सेगमेंट में कीमत दायरे के निचले स्तर पर, टीवीएस मोटर द्वारा निर्मित मोपेड को भी मौजूदा चुनौतीपूर्ण बाजार में ग्राहक आकर्षित करने में सफलता मिली है। तीन महीने की अवधि के दौरान इसकी बिक्री समीक्षाधीन अवधि के मुकाबले 6.2 प्रतिशत बढ़कर 169,149 वाहन रही।
इस बीच, अर्थव्यवस्था में मददगार समझे जाने वाले वाणिज्यिक वाहन बाजार में सुधार का कोई संकेत नहीं दिखा है और उसमें दो अंक की गिरावट बरकरार है।
वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी विनोद अग्रवाल कहते हैं कि कम भार ढोने वाले वाहनों की बिक्री में तेजी आनी शुरू हुई है।