बेंगलूरु में रहने वाले सनी गुप्ता को पिछले कुछ महीनों से मनमाफिक लैपटॉप की तलाश थी। अगस्त में जब वह एक कॉफी शॉप पर कॉफी की चुस्कियां ले रहे थे तब उन्होंने फ्लिपकार्ट के क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट मिनट्स पर एसर प्रीडेटर लैपटॉप का ऑर्डर दिया। इस लैपटॉप की कीमत अमूमन 95,000 और 2.5 लाख के बीच होती है।
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर इसका जिक्र किया। उन्होंने लिखा, ‘मैंने स्टारबक्स के कॉफी शॉप पर लैपटॉप का ऑर्डर दिया और अगले 13 मिनट में यह हाजिर भी हो गया।‘ वर्मा का एक्स पर यह पोस्ट काफी लोगों ने देखा है।
शहरों में क्विक कॉमर्स के जरिये किराना एवं रोजमर्रा की जरूरत के सामान मंगाना आम बात हो गई है। मगर क्विक कॉमर्स कंपनियां लैपटॉप जैसे महंगी वस्तुएं भी लोगों तक पलक झपकते ही पहुंचाने के बारे में सोचने लगी हैं। ब्लिंकइट, जेप्टो और बिगबास्केट जैसे प्लेटफॉर्म पर स्मार्टफोन खासकर ऐपल आईफोन की मांग बढ़ गई है।
इन प्लेटफॉर्म पर अब महंगी वस्तुओं के भी ऑर्डर आने लगे हैं। ज्यादातर लोग इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं मंगा रहे है। इसे देखते हुए पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) बनाने वाली कंपनियां भी इन क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कारोबार आजमाने से पीछे नहीं रहना चाहती हैं।
एसर इंडिया में सहायक निदेशक एवं विपणन प्रमुख सूरज बालकृष्णन कहते हैं, ‘क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये लैपटॉप की बिक्री एक नया मुकाम है। लोग जो भी ऑर्डर देते हैं उनके लिए वे अब अधिक दिनों तक इंतजार करना पसंद नहीं करते हैं। उनकी यह हसरत पूरी करने और बिक्री बढ़ाने में क्विक कॉमर्स एक अहम भूमिका निभाएंगे।’
बालकृष्णन के अनुसार एसर अपने अधिक से अधिक उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए अग्रणी क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ ‘सक्रिय चर्चा’ कर रही है। एसर भारत में पीसी बनाने वाली चौथी सबसे बड़ी कंपनी है।
फ्लिपकार्ट अपने प्लेटफॉर्म के जरिये बेंगलूरु और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लैपटॉप बेच रही है। मगर ब्लिंकइट और जेप्टो भी जल्द ही लैपटॉप बेचना शुरू कर सकती हैं।
आसुस इंडिया में उपाध्यक्ष (उपभोक्ता एवं गेमिंग पीसी, सिस्टम बिजनेस ग्रुप) अर्नॉल्ड सू कहते हैं, ‘जहां तक पीसी एवं लैपटॉप उपलब्ध कराने की बात है तो क्विक कॉमर्स इस मामले में फिलहाल बेहद शुरुआती स्थिति में हैं। हां, मगर इन प्लेटफॉर्म के जरिये महंगी वस्तुओं की बिक्री रफ्तार जरूर पकड़ने लगी है। कम से कम समय में ग्राहकों के ऑर्डर पूरे करने की होड़ तेज होती जा रही है और इस समय एक्सेसरीज और लैपटॉप के साथ इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की मांग सबसे अधिक देखी जा रही है।‘
सू का कहना है कि आसुस कीबोर्ड, माउस, एडेप्टर एवं अन्य पुर्जे बेचती है। उन्होंने कहा, ‘हम एक महीने में लगभग 20,000 माउस बेच लेते हैं। ऐसे उत्पादों की बिक्री की रफ्तार और बढ़ाने में क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म मदद कर सकते हैं। कम दाम की वस्तुओं के लिए क्विक कॉमर्स हमारे लिए एक अहम जरिया साबित होंगे।’
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि क्विक कॉमर्स के जरिये लैपटॉप की बिक्री बड़े स्तर पर शुरू होने में थोड़ा समय लग सकता है। इलारा कैपिटल में शोध विश्लेषक करण तौरानी कहते हैं, ‘बेशक संभावनाएं काफी ज्यादा हैं मगर क्विक कॉमर्स के जरिये लैपटॉप की बिक्री परवान चढ़ाने में काफी मेहनत करनी होगी। इस समय किराना, सौंदर्य एवं व्यक्तिगत देखभाल के सामान, मोबाइल फोन और लैपटॉप एवं पीसी के पुर्जे मंगाने में क्विक कॉमर्स का अधिक इस्तेमाल हो रहा है।‘
वह कहते हैं, ‘फिलहाल क्विक कॉमर्स के जरिये 10 प्रतिशत से अधिक लैपटॉप की बिक्री संभव नहीं दिख रही है। मध्यम अवधि में यह 2 से 3 प्रतिशत से नीचे ही रह सकती है।’ ये बातें अपनी जगह ठीक हैं मगर जिस तरह ग्राहकों में इन प्लेटफॉर्म से महंगे सामान मंगाने की आदत पड़ रही है, उम्मीद की जा रही है कि पीसी की मांग जल्द ही बढ़ सकती है।
बालकृष्णन कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि क्विक कॉमर्स के जरिये महंगी वस्तुएं पहुंचाने की काफी संभावनाएं हैं। ग्राहक जल्द से जल्द डिलिवरी चाहते हैं और ऐसे में वे अधिक इंतजार नहीं करने वाले हैं।’