काइनेटिक इंजीनियरिंग (केईएल) अपने दोपहिया वाहन, LUNA के इलेक्ट्रिक वर्जन के लिए कलपुर्जों का निर्माण जल्द ही शुरू करने वाली है। LUNA की 70 के दशक में एक अलग पहचान हुआ करती थी। पुणे स्थित काइनेटिक ने सितंबर में कहा था कि LUNA जल्द ही अपने इलेक्ट्रिक वर्जन के साथ बाजार में आ सकती है। लूना के इलेक्ट्रिक वर्जन यानी ई-लूना को केईएल की सहायक कंपनी काइनेटिक ग्रीन एनर्जी और पॉवर सॉल्यूशन्स द्वारा पेश किया जाएगा।
काइनेटिक एनर्जी ने लूना की असेंबली के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली है, यहां तक कि इसकी चेचिस और स्टैंड और स्विंग आर्म को भी तैयार कर लिया गया है। कंपनी ने ई-लूना के उत्पादन के लिए एक विशेष इकाई तैयार की है, जहां प्रतिमाह 5,000 वाहनों का निर्माण किया जाएगा। इसके विभिन्न भागों की वेल्डिंग का काम कंपनी का काम अहमदनगर की एक विशाल फैक्टरी में किया जाएगा, इसके लिए कंपनी ने 30 से अधिक मशीनों को स्थापित किया है। आवश्यकता को पूरा करने के लिए, केईएल ने लगभग 3 करोड़ रुपये का खर्च पेंट को अपग्रेड करने, प्रेस और फैब्रिकेशन के लिए किया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, ई-लूना के पुर्जे से कंपनी का राजस्व 30 करोड़ रुपये के वार्षिक अनुमान तक पहुंच जाएगा, जिसकी शुरुआत अगले साल की पहली तिमाही से होगी।
काइनेटिक पुणे के पास सुपा में एक महीने में 25,000 से अधिक दोपहिया वाहनों का उत्पादन करने के लिए एक नया संयंत्र शुरू कर रही है। अहमदनगर में इसकी इकाई एक महीने में 7,500 दोपहिया वाहनों का उत्पादन कर सकती है। काइनेटिक ग्रीन ने अपने दोपहिया कारोबार में 50 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया है और अगले चार वर्षों में 400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना बना रही है।
काइनेटिक इंजीनियरिंग के प्रबंध निदेशक अजिंक्य फिरोदिया ने कहा कि उन्हें लूना की विरासत का हिस्सा बनने और इसके लिए पुर्जे तैयार करने पर गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब लूना की सबसे अधिक बिक्री होती थी, जो यह 2,000 की दर से रोज बिकती थी। उन्हें उम्मीद है कि यह अपने नए अवतार के साथ बाजार में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी।
फिरोदिया ने कहा कि ई-लूना के माध्यम से कंपनी के राजस्व में 30 करोड़ रुपये का वार्षिक इजाफा होगा, जो अगले 2-3 वर्षों तक जारी रहेगा, क्योंकि कंपनी समय के साथ ही उत्पादन क्षमता में भी विस्तार करेगी।
ई-लूना उन तीन ई-दोपहिया ब्रांडों में से एक है जिसे काइनेटिक पेश करने की योजना बना रहा है, क्योंकि यह 2014 में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के साथ अपनी साझेदारी समाप्त होने के बाद खाली हुए सेगमेंट में एक मजबूत वापसी चाहती है। कंपनी कम स्पीड वाले ई-स्कूटर की एक साल से बिक्री कर रही है। ये स्कूटर अब काइनेटिक ग्रीन ब्रांड के तहत बिक रहे हैं।