होंडा मोटर ने इलेक्ट्रिक वाहनों के अपने वैश्विक लक्ष्यों और निवेशों को फिर से तय किया है। अब वह भारतीय बाजार में आक्रामक रूप से आगे बढ़ने की तैयारी कर रही है। उसका लक्ष्य ईवी में नंबर वन बनने का है। इसके लिए वह साल 2028 तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक दोपहिया संयंत्र लगाने जा रही है।
कंपनी के वैश्विक मुख्य कार्य अधिकारी तोशिहिरो मिबे ने मंगलवार को कहा, ‘होंडा विशेष रूप से इलेक्ट्रिक मॉडल के रूप में विकसित मॉडलों के कई संस्करण लाएगी और अत्यधिक कुशल, समर्पित इलेक्ट्रिक मोटरसाइकल उत्पादन संयंत्र में उत्पादन शुरू करेगी। भारत में यह संयंत्र साल 2028 में चालू हो जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक मोटरसाइकल कारोबार के ढांचे को और मजबूती मिलेगी।’
मिबे ने कहा, ‘इन योजनाओं के जरिये होंडा और ज्यादा ग्राहकों को और ज्यादा किफायती इलेक्ट्रिक मोटरसाइकल वाले मॉडल पेश करेगी और आगे चलकर वह इलेक्ट्रिक मोटरसाइकल बाजार में पहले स्थान की बाजार हिस्सेदारी का प्रयास करेगी।’
मिबे ने कहा कि वाहन निर्माता ने मांग में कमी की वजह से साल 2030 के कारोबारी वर्ष तक इलेक्ट्रिफिकेशन और सॉफ्टवेयर में अपना नियोजित निवेश 10 लाख करोड़ येन से घटाकर 7 लाख करोड़ येन (48.4 अरब डॉलर) कर दिया है। कंपनी नए मॉडलों के जरिए हाइब्रिड की बढ़ती मांग को पूरा करने पर भी ध्यान देगी। जापान की दिग्गज वाहन कंपनी ने मंगलवार को कहा कि वह 2030 तक दुनिया भर में 13 नए हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (एचईवी) उतारेगी।
31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष में होंडा की मोटरसाइकल की बिक्री 2.057 करोड़ वाहनों तक पहुंच गई जो वैश्विक मोटरसाइकल बाजार का लगभग 40 प्रतिशत है और इसने 37 देशों तथा क्षेत्रों में वित्त वर्ष की बिक्री का सर्वकालिक रिकॉर्ड बनाया है।
कंपनी ने कहा कि वैश्विक मांग साल 2030 तक 5 करोड़ से बढ़कर 6 करोड़ होने का अनुमान है, खास तौर पर भारत सहित विकासशील और अल्पविकसित देशों में। होंडा ने विशिष्ट उत्पादों और अनुकूल आपूर्ति प्रणाली के साथ इस मांग को पूरा करने की योजना बनाई है।
जहां तक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकल मॉडलों की बात है तो इस साल फरवरी में होंडा ने एक्टिवा ई और क्यूसी1 की बिक्री शुरू की जिसकी घोषणा पिछले साल भारत में की गई थी। निवेश में यह कटौती कनाडा में व्यापक ईवी मूल्य श्रृंखला स्थापित करने की योजना स्थगित करने और समर्पित ईवी उत्पादन संयंत्रों के निर्माण के लिए समय बदलने के फैसले पर आधारित है।