तकनीक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल ने ‘शक्ति, इंडिया इलेक्शन फैक्ट-चेकिंग कलेक्टिव’ नाम से एक नया इंतजाम किया है। 2024 के आम चुनाव से ठीक पहले शु्क्रवार से शुरू हुई इस पहल का मकसद ऑनलाइन माध्यम से डीपफेक सहित भ्रामक जानकारियों एवं सामग्री का प्रसार रोकना है। ‘शक्ति, इंडिया इलेक्शन फैक्ट-चेकिंग कलेक्टिव’ देश में समाचार प्रकाशकों एवं तथ्यों की जांच करने वाली इकाइयों का समूह है।
डेटालीड्स मिसइन्फॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस पूरे भारत में शुरू की गई इस पहल की अगुआई तथ्यों की जांच करने वाले अन्य समूहों की मदद से करेगा। इस पहल को गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) का भी समर्थन प्राप्त होगा।
इस नई व्यवस्था पर गूगल ने कहा, ‘आज से शुरू होकर भारत में आम चुनाव समाप्त होने तक यह पहल स्वतंत्र फैक्ट चेकर एवं भारतीय भाषाओं में सामग्री प्रकाशित करने वाले लोगों एवं समूहों को एक दूसरे से जोड़ेगी। इससे उन्हें चुनाव से जुड़े तथ्यों की जांच और सही जानकारी साझा करने के लिए एक मंच मिल जाएगा। इससे डीपफेक, भ्रामक खबरों की जांच और इन पर अंकुश लगाने में समय बचाने में मदद मिलेगी।‘
गूगल ने कहा कि वीडियो सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं एवं प्रारूपों में तथ्यों की जांच के बाद प्रामाणिक जानकारियां साझेदार समाचार प्रकाशकों के साथ साझा करने में मदद मिलेगी।
डेटालीड्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी सैयद नज़ाकत ने कहा, ‘भारत जैसे बड़े देश में विभिन्न प्रकार की खबरों का रोज अंबार लगता है और अब चुनाव नजदीक होने से लोगों तक प्रामाणिक जानकारियां पहुंचाना आवश्यक हो गया है। देश में खबरों एवं जानकारियों की प्रामाणिकता की जांच के लिए कलेक्टिव एक मजबूत पहल है।‘
इसके अलावा यह पहल समाचार संगठनों और फैक्टचेकर संस्थानों को तथ्यों की जांच के लिए लिए उन्नत विधियां अपनाने का भी प्रशिक्षण देगी। इनमें डीपफेक का पता लगाने की तकनीक और गूगल की नई फैक्ट चेक एक्सप्लोरर आदि शामिल हैं।