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Uber में जेनएआई से बढ़ी इंजीनियरिंग कार्यक्षमता, ड्राइवर ऑनबोर्डिंग हुई तेज

इन परिचालन में ग्राहकों की सहायता, इंजीनियरिंग विकास चक्र, ऑन बोर्डिंग की प्रक्रिया ड्राइवर आदि के लिए सुगम किए जाने जैसे सुधार आदि शामिल हैं।

Last Updated- May 23, 2025 | 11:25 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

उबर का कहना है कि जेनेरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जेनएआई) और एजेंटिक एआई उनके मूल परिचालन में महत्त्वपूर्ण रूप से बदलाव ला रहे हैं जिसके कारण इंजीनियरों की उत्पादकता में सुधार हो रहा है।

इन परिचालन में ग्राहकों की सहायता, इंजीनियरिंग विकास चक्र, ऑन बोर्डिंग की प्रक्रिया ड्राइवर आदि के लिए सुगम किए जाने जैसे सुधार आदि शामिल हैं। पहले ये सभी तंत्र मैनुअल संचालित होते थे लेकिन एआई एजेंट और ऑटोमेशन ने पिछले कुछ वर्षों में मानव हस्तक्षेप को कम किया है। मोबिलिटी एवं डिलिवरी से जुड़े वैश्विक मुख्य तकनीकी अधिकारी प्रवीण नेप्पाली नागा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अगर ड्राइवर ऑनलाइन नहीं जा पा रहे हैं तब हमारे पास 3,000 सेवाएं आंतरिक स्तर पर मौजूद हैं और समस्या यह है कि कहां से शुरुआत की जाए। अब हमारे पास सभी सर्विस कॉल का ग्राफ है जिसकी निगरानी एआई करता है। ऐसे में अगर कुछ सफल नहीं हो पा रहा है तब हम जल्दी से गलतियों और विफलता वाले क्षेत्रों की पहचान कर पाते हैं।’

इसी तरह ड्राइवरों को ऑन बोर्ड करने का पूरा अनुभव मैनुअल हुआ करता था और बहुत सारी जांच और दस्तावेजों का सत्यापन होने में काफी वक्त लगता था। अब उबर इन कामों को पूरा करने के लिए एआई की मदद ले रहा है जिससे इन ड्राइवरों की ऑन बोर्ड करने की प्रक्रिया काफी तेज होती है। ग्राहकों की सहायता के लिए उबर कई अन्य कंपनियों की तरह ही एक स्वचालित चैटबॉट का इस्तेमाल करता है। नागा के अनुसार ‘गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार करता है। किसी खास बाजार में कोई उत्पाद कैसे काम करता है यह समझने के लिए दस्तावेजों को पढ़ना पड़ता है लेकिन अब हमारे पास इसका जवाब देने के लिए आंतरिक एआई टूल्स है।’

नागा ने कहा कि एक एआई कोड एडिटर, कर्सर के इस्तेमाल से परिचालन में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसा टूल है जिसका हम फायदा उठाते हैं और इससे हमें एजेंटिक तरीके से विकास करने में मदद मिलती है। इसमें विकास का पूरा चक्र, उत्पादों को परिभाषित करने, कोडिंग, टेस्टिंग, निगरानी के साथ चेतावनी देने के पहलू भी शामिल होते हैं। यहां हम एआई मॉडल का इस्तेमाल यह समझने के लिए करते हैं कि कौन सा पैमाना नीचे गया है ताकि इंजीनियर इसमें जल्दी से हस्तक्षेप कर सकें।’

उबर के दो सबसे बड़े इंजीनियरिंग केंद्रों बेंगलूरु और हैदराबाद में करीब 2,200 इंजीनियर हैं। उसने कहा है कि यह अगले कुछ वर्षों में कमाई करने वाला तंत्र तैयार करने, सवारियों को बेहतर अनुभव देने वाले उत्पादों और मार्केटप्लेस टीम जैसे क्षेत्रों में अगले कुछ वर्षों में यह भर्ती करना जारी रखेगा। ये दो केंद्र उबर के लिए महत्त्वपूर्ण कामकाज को संभालते हैं जैसे कि राइडर इंजीनियरिंग, इट्स इंजीनियरिंग, इन्फ्राटेक, डेटा, मैप्स, उबर फॉर बिजनेस, फिनटेक, वृद्धि और मार्केटिंग आदि।

First Published - May 23, 2025 | 10:34 PM IST

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