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वाहन स्क्रैपिंग नीति में बदलाव संभव, प्रदूषण का स्तर बन सकता है स्क्रैपिंग का पैमाना: अनुराग जैन

इस समय केद्र की स्क्रैपेज नीति के तहत 15 साल से ज्यादा उम्र के वाहनों को स्क्रैप करना पड़ता है। भारी वाणिज्यिक वाहनों को इसके लिए फिटनेस टेस्ट कराने की जरूरत होती है।

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ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- September 10, 2024 | 10:04 PM IST

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि नए वाहनों की स्क्रैपिंग नीति को लेकर लोगों की चिंता को देखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वाहनों की स्क्रैपिंग को उनके प्रदूषण के स्तर से जोड़ने की संभावना पर अध्ययन कर रहा है।

जैन ने सायम की सालाना बैठक में कहा, ‘लोगों ने हमसे कहा कि वे अपने वाहनों का रखरखाव कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें स्क्रैप करना अनिवार्य क्यों होना चाहिए? हम अध्ययन कर रहे हैं कि क्या 15 साल की आयु की जगह वाहनों के प्रदूषण के ऊपरी स्तर को वाहन स्क्रैप करने का मानक बनाया जा सकता है।’

हालांकि उन्होंने कहा कि इसके लिए विश्वसनीय प्रदूषण प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था की जरूरत होगी। इस पर उद्योगों से भी राय मांगी गई है कि इसका सुदृढ़ ढांचा किस तरह तैयार किया जा सकता है। सचिव सतत मोबिलिटी पर आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे थे।

इस समय केद्र की स्क्रैपेज नीति के तहत 15 साल से ज्यादा उम्र के वाहनों को स्क्रैप करना पड़ता है। भारी वाणिज्यिक वाहनों को इसके लिए फिटनेस टेस्ट कराने की जरूरत होती है।

इसके पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस सेक्टर से अपील की कि पुराने वाहनों के स्क्रैपिंग से जुड़े छूट में बढ़ोतरी करे, जब उसे बदलकर नए वाहन खरीदे जाते हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्रदूषण घटाने में मदद मिलेगी, साथ ही देश में स्टील के आयात में कमी आएगी।

First Published : September 10, 2024 | 10:04 PM IST