जीएसटी 2.0 लागू होने से भारत के दोपहिया बाजार को बढ़ावा मिला है। अक्टूबर में पंजीकरण बढ़कर 18.5 लाख तक पहुंच गए हैं। ‘वाहन’ के आंकड़ों के अनुसार यह इस साल अब तक की सर्वाधिक मासिक संख्या है। यह उछाल हाल में जीएसटी दर में किए गए सुधार और त्योहारी सीजन की जोरदार मांग के मिले-जुले असर को दर्शाती है। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों ही बाजारों में उपभोक्ताओं का मनोबल फिर से मजबूत हुआ है।
वाहन के आंकड़ों से पता चलता है कि दोपहिया वाहनों का पंजीकरण सितंबर के 12.9 लाख की तुलना में तेजी से बढ़कर 23 अक्टूबर तक 18.5 लाख हो गया और इसमें पिछले महीने के मुकाबले 43 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल आई। यह उछाल तुलनात्मक रूप से सुस्त रही जुलाई से सितंबर तिमाही के बाद खुदरा बिक्री में सबसे ज्यादा जोरदार सुधार को दर्शाती है।
साल भर के दौरान हुआ मासिक पंजीकरण इस रुख को दिखाता है। जनवरी में 15.3 लाख, फरवरी में 13.5 लाख और मार्च में 15.1 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ। अप्रैल में पंजीकरण संख्या और बढ़कर 16.9 लाख तथा मई में 16.5 लाख हो गई। इसके बाद जून में यह कम होकर 14.5 लाख और जुलाई में 13.5 लाख हो गई। अगस्त में 13.7 लाख पंजीकरण के साथ यह रफ्तार स्थिर रही। इसके बाद सितंबर में गिरावट आई। अक्टूबर में तेज बढ़ोतरी के साथ यह संख्या बढ़कर 18.5 लाख हो गई। जीएसटी में सुधार और त्योहारी सीजन की मांग के मिले-जुले असर के कारण यह इस साल अब तक दर्ज सर्वाधिक मासिक संख्या रही।
प्रमुख कंपनियों के बीच हीरो मोटोकॉर्प अक्टूबर में 5,44,856 वाहन पंजीकरण के साथ सबसे आगे रही। इसके ठीक बाद 4,97,498 वाहनों के साथ होंडा मोटरसाइकल ऐंड स्कूटर इंडिया का स्थान रहा। टीवीएस मोटर कंपनी ने 3,33,574 पंजीकरण दर्ज किए। बजाज ऑटो के वाहनों की संख्या 2,13,123 पर रही। सुजूकी मोटरसाइकल इंडिया ने 96,509 वाहन का पंजीकरण दर्ज किया। रॉयल एनफील्ड ने 94,293 वाहनों का पंजीकरण दर्ज किया। इंडिया यामाहा मोटर की संख्या 59,515 रही और साथ ही महीने के दौरान जोरदार प्रदर्शन किया। इससे सभी ब्रांडों और श्रेणी में व्यापक वृद्धि पता चलती है।
उद्योग के विशेषज्ञ इस वृद्धि का श्रेय जीएसटी 2.0 के सकारात्मक असर को देते हैं। इस कारण शुरुआती और रोजमर्रा की आवाजाही वाले दोपहिया वाहनों के मामले में कर दरें दुरुस्त हो गईं खरीदारों की खर्च करने की क्षमता बढ़ गई। इसने स्थानापन्न मांग को भी बढ़ावा दिया।
प्राइमस पार्टनर्स के सलाहकार अनुराग सिंह ने कहा, ‘जीएसटी में कमी के शुरुआती संकेत दोपहिया बाजार के लिए काफी सकारात्मक हैं। बिक्री, बुकिंग और पूछताछ के लिहाज से निकट-अवधि वाली मांग जोरदार है। मध्य-अवधि का परिदृश्य भी ग्रामीण और शहरी दोनों ही श्रेणियों में मजबूत दिख रहा है।’