एमेजॉन पे ने कहा है कि उसने यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) लेनदेन के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन शुरू किया है। इससे वह देश में ऐसी पहली भुगतान सेवा प्रदाताओं में शामिल हो गई है, जो ग्राहकों को फिंगरप्रिंट या फेशियल स्कैन (चेहरे की पहचान) का इस्तेमाल करके भुगतान की मंजूरी की सुविधा देते हैं। इसमें पिन डालने की जरूरत खत्म हो जाती है।
बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की इस नई सुविधा में 5,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए यूपीआई पिन डालने की जरूरत नहीं होगी। इसके शुरुआती इस्तेमाल के संकेत बताते हैं कि ग्राहक इस अनुभव को काफी पसंद कर रहे हैं, 90 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहक पात्र पीयर-टु-पीयर यूपीआई लेनदेन के लिए बायोमेट्रिक्स चुन रहे हैं।
प्लेटफॉर्म ने कहा कि इससे नवाचार की रुकावटें काफी कम हो जाएगी और भुगतान तेज, ज्यादा आसान और सुरक्षित हो जाएंगे। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन ग्राहक की डिवाइस से जुड़ा होता है और इसे शेयर नहीं किया जा सकता। एमेजॉन इंडिया के निदेशक (भुगतान) गिरीश कृष्णन ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य हमेशा डिजिटल भुगतान को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाना रहा है। यूपीआई बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ हम रोजमर्रा के भुगतान से एक और रुकावट हटा रहे हैं और उन्हें दो गुना तेज बना रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हम जबरदस्त प्रतिक्रिया देख रहे हैं। इससे पुष्टि होती है कि ग्राहक तेजी, सादगी और भरोसे को अहमियत देते हैं। अब तक की प्रतिक्रिया बहुत उत्साहजनक रही है, खास तौर इस बारे में कि यह अनुभव कितना आसान और तेज लगता है तथा भारत डिजिटल रूप से जिस तरह भुगतान करता है, यह बात हमें इसमें और बेहतरी के लिए प्रेरित करती है।’
यह पेशकश यूपीआई भुगतान को ज्यादा सुरक्षित और बिना किसी रुकावट के करने की कोशिश है। जिस तरह ग्राहक अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, भुगतान का अनुभव और ज्यादा उसी के अनुरूप होता है।