बैंकों के को-लेंडिंग मानदंडों में हालिया रियायत के बावजूद गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को को-लेंडिंग समझौतों की जगह डायरेक्ट असाइनमेंट (डीए) को वरीयता देने की संभावना है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि एनबीएफसी की को-लेंडिंग बढ़ने की उम्मीद है – यह परिचालन तालमेल और मजबूत ढांचों पर आधारित है – बैंक डीए को प्राथमिकता देना जारी रखेंगे।
पीरामल एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी जयराम श्रीधरन ने कारोबारी आंकड़े जारी के बाद कार्यक्रम में कहा, ‘मेरे विचार से हम हालिया माहौल में को-लेंडिंग की जगह डीए में अधिक कारोबार देखेंगे। आप एक क्षेत्र में वृद्धि देखेंगे और वो है एनबीएफसी से एनबीएफसी को-लेंडिंग में वृद्धि, पर एनबीएफसी से बैंक को-लेंडिंग में कुछ गिरावट आ सकती है।’ पीरामल एंटरप्राइजेस का सितंबर 30 तक बैंकिंग साझेदारों से को-लेंडिंग कारोबार करीब 600 करोड़ रुपये है।
डायरेक्ट असाइमेंट या डीए वह तरीका है जिसमें वित्तीय संस्थान जैसे बैंक स्पेशल पर्पज व्हीकल के बिना एनबीएफसी जैसी अन्य इकाई से ऋणों के समूह को सीधे खरीद लेना। इस प्रक्रिया में ऋण बेचने वाली संस्थान अपने ऋण को कम कर देता है जबकि खरीदारी करने वाला संस्थान अपने ऋण पोर्टफोलियो का विस्तार कर लेता है और प्राप्त किए गए ऋण के ब्याज से आमदनी अर्जित करता है। इस तरीके के तहत खरीदारी करने वाला बैंक प्रत्यक्ष तौर पर ऋण के स्वामित्व को हासिल कर लेता है।