आर्थिक अनिश्चितता और कोविड-19 वैश्विक महामारी के बावजूद मोटरसाइकिल खरीदार महंगे मॉडलों (125 सीसी और इससे अधिक) के प्रति काफी उत्साह दिखा रहे हैं। इससे प्रवेश स्तर के मॉडलों को जाहिर तौर पर झटका लगेगा। जुलाई से सितंबर तिमाही के दौरान दोपहिया बनाने वाली अधिकतर कंपनियों की औसत मूल्य प्राप्तियों में तेजी के कारण इस खरीद प्रवृत्ति को रफ्तार मिल रही है।
हालांकि प्रवेश स्तर की 100 से 110 सीसी इंजन वाली मोटरसाइकिल श्रेणी में वाहनों की बिक्री सितंबर तिमाही के दौरान एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले कमजोर रही। घरेलू बाजार में बिकने वाली हरेक 10 में से 8 बाइक इसी श्रेणी की होती हैं।
सितंबर तिमाही के दौरान 125 सीसी इंजन वाले मॉडलों की बिक्री एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 30 फीसदी बढ़कर 3,05,615 वाहन हो गई। इस श्रेणी के प्रमुख मॉडलों में हीरो ग्लैमर, स्प्लेंडर, पल्सर125, विक्टर स्टार सिटी आदि शामिल हैं। जबकि 125 से 150 सीसी इंजन क्षमता वाली बाइक श्रेणी में भी समान आकर्षण दिखा। इस प्रकार की बाइक की कुल बिक्री 67,769 वाहन से बढ़कर 1,23,52 वाहन हो गई।
रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख मितुल शाह ने कहा, ‘प्रवेश स्तर की श्रेणी के मुकाबले इन मॉडलों के खरीदार समग्र आर्थिक परिदृश्य के लिए अपेक्षाकृत अछूते हैं। पहली बार के खरीदारों के बीच 125 सीसी या 150 सीसी इंजन क्षमता के मॉडलों को सीधे खरीदने की प्रवृत्ति दिख रही है। इससे वृद्धि को काफी रफ्तार मिली है। साथ ही इसका आधार भी कमजोर रहा है।’
शाह ने कहा कि कंपनियों के लिए मार्जिन को बरकरार रहना कठिन हो सकता है। यहां तक कि कच्चे माल एवं अन्य खर्चों में भी तेजी दिख सकती है जिसकी शुरुआत दूसरी तिमाही में हुई थी।
मोटरसाइकिल श्रेणी में दिखने वाला रुझान कार श्रेणी के मुकाबले बिल्कुल विपरीत है। कार श्रेणी में प्रवेश स्तर के मॉडलों को ग्राहक अधिक पसंद कर रहे हैं। इससे महंगी कारों के मुकाबले सस्ती और छोटी कारों की बिक्री रफ्तार अधिक दिख रही है। उदाहरण के लिए, कार बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी को ही लेते हैं। वैगनआर और स्विफ्ट जैसे लोकप्रिय मॉडल बनाने वाली इस कंपनी की औसत मूल्य प्राप्तियां सितंबर तिमाही में 5 फीसदी घट गई क्योंकि खरीदारों ने प्रवेश स्तर के मॉडलों को अधिक पसंद किया। इसका एककारण कंपनी के पोर्टफोलियो में डीजल कारों की अनुपस्थिति भी रहा।
दोपहिया वाहन विनिर्माताओं के बीच बजाज ऑटो का उत्पाद पोर्टफोलियो बेहतर रहा। पुणे की इस कंपनी ने घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों में सितंबर तिमाही के दौरान रिकॉर्ड 3,40,000 पल्सर (125 सीसी और 150 सीसी सहित) बाइक बेचीं।
बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक, राकेश शर्मा ने कहा कि रिकॉर्ड बिक्री ने कंपनी को तिपहिया वाहन श्रेणी में गिरावट जैसी समस्याओं से निपटने में मदद की है। यह केटीएम, हस्कवर्णाऔर डोमिनार जैसे अल्ट्रा-प्रीमियम ब्रांडों के लिए रिकॉर्ड एक चौथाई मात्रात्मक भी थी। शर्मा ने कहा, ‘अल्ट्रा-प्रीमियम ब्रांडों के साथ पल्सर फ्रेंचाइजी ने 15 से 16 तिमाही में घरेलू मोटरसाइकिल कारोबार में सबसे ज्यादा मार्जिन हासिल करने में मदद की।’ मॉडलों के बेहतर मेल के कारण कंपनी को 18.2 फीसदी का मार्जिन हासिल करने में मदद मिली जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 16 फीसदी रहा था।
प्रवेश स्तर के मोटरसाइकिल बाजार में वर्चस्व रखने वाली दोपहिया बाजार की अग्रणी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प की नजर अब प्रीमियम श्रेणी पर दिख रही है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले सप्ताह निवेशकों से बातचीत के दौरान यह संकेत दिया।
हीरो मोटोकॉर्प के बिक्री एवं आफ्टर सेल्स प्रमुख नवीन चौहान ने कहा कि एक्सपल्स, एक्सट्रीम 160आर और पैशन प्रो जैसे नए प्रीमियम मॉडलों को काफी प्रतिक्रिया मिल रही है। इससे कंपनी को दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और बाकी हिस्सों के शहरी बाजारों में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिली है। हीरो की नजर प्रीमियम श्रेणी पर है और इसलिए हाल ही में उसने हार्ली डेविडसन के साथ साझेदारी भी की है।
चेन्नई की वाहन कंपनी टीवीएस मोटर की स्थिति भी लगभग समान है। सितंबर तिमाही के दौरान उसकी मूल्य प्राप्ति 53,000 रुपये रही जो एक साल पहले 59,000 रुपये रही थी। इसे काफी हद तक बेहतर मॉडल मेल से बल मिला। कंपनी ने पिछले के मुकाबले इस नवरात्र के दौरान मामूली वृद्धि दर्ज की। कंपनी के निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी केएन राधाकृष्णन ने कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों बाजारों में प्रीमियम मॉडल की अधिक बिक्री से वृद्धि को रफ्तार मिली।
