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Rare Earth Metals पर ऑटो प्रतिनिधिमंडल को चीन की स्वीकृति का इंतजार

प्रतिनिधिमंडल जाकर चीनी अधिकारियों से एंड-यूजर प्रमाणपत्रों के आधार पर दुर्लभ खनिज तत्वों के लिए निर्यात लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया तेज करने का अनुरोध करेगा।

Last Updated- June 29, 2025 | 10:43 PM IST
Rare Earth
प्रतीकात्मक तस्वीर

चीन से दुर्लभ खनिज तत्वों की आपूर्ति थमने से पेट्रोल-डीजल इंजन (आईसीई) से चलने वाले वाहनों के उत्पादन पर भी खतरा मंडराने लगा है। समझा जा रहा है कि चीन से इन तत्वों की आपूर्ति बाधित होने से चिंतित वाहन उद्योग ने इस महीने के शुरू में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को बताया था कि इलेक्ट्रिक वाहनों के बाद अब आईसीई वाहनों का उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है।

यह मुद्दा उठाने के लिए वाहन उद्योग से वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इसी महीने चीन जाने वाला था। इस मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि चीन ने इस प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर अब तक हामी नहीं भरी है। इस बारे में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया,’वाहन उद्योग अपने प्रतिनिधिमंडल के प्रस्तावित दौरे पर चीन की हामी मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, मगर फिलहाल मामला अधर में लटका हुआ है।’

चीन ने अप्रैल में दुर्लभ खनिज तत्वों की आपूर्ति रोक दी थी और इसके निर्यात से पहले सरकार से आवश्यक मंजूरी हासिल करना आवश्यक कर दिया था। बिज़नेस स्टैंडर्ड को खबर मिली है कि वाहन उद्योग के प्रतिनिधियों ने इस महीने के शुरू में मंत्रालय को बताया था कि ये तत्व न केवल इलेक्ट्रिक वाहन ड्राइवट्रेन (इलेक्ट्रिक मोटर से पहियों तक ऊर्जा स्थानांतरित करने की प्रणाली) बल्कि क्रेंकशाफ्ट पोजिशन सेंसर, मोटर कंट्रोल यूनिट, इग्निशन कॉयल, स्पीडमीटर, ट्वीटर, इलेक्ट्रिक वाटर पंप और आईसीई वाहनों में व्हील स्पीड सेंसर जैसे उपकरणों एवं पुर्जों के लिए भी अहम होते हैं।

कार बनाने वाली एक नामी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘किसी वाहन में दुर्लभ खनिज तत्वों का काफी कम मात्रा में इस्तेमाल होता है मगर इनके बिना काम भी नहीं चल सकता। इन तत्वों की कमी से उत्पादन ठप होने का खतरा बढ़ गया है । अगर दुर्लभ खनिज मैग्नेट किसी पुर्जे के काम करने के लिए जरूरी है तो इसके अभाव में कार तैयार नहीं हो सकती।’

वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अनुसार वाहन उद्योग के प्रतिनिधिमंडल के चीन के प्रस्तावित दौरे के उद्देश्य स्पष्ट हैं। प्रतिनिधिमंडल वहां जाकर चीन के अधिकारियों से भारतीय कंपनियों द्वारा सौंपी गई अंतिम उपभोक्ता (एंड-यूजर) प्रमाणपत्रों के आधार पर दुर्लभ खनिज तत्वों के लिए निर्यात लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया तेज करने का अनुरोध करेगा। इसके अलावा वे चीन के आपूर्तिकर्ताओं और भारतीय दूतावास के अधिकारियों से मिलेंगे और चीन के वाणिज्य मंत्रालय में संबंधित अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे।

वाहनों के पुर्जे बनाने वाली एक शीर्ष कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह मामला केवल अब ईवी तक ही सिमटा नहीं रह गया है।  दुर्लभ खनिज तत्वों की आपूर्ति थमने से पूरे वाहन उद्योग की रफ्तार थम गई है। इस समस्या का जब तक कोई समाधान नहीं खोजा जाता तब तक वाहन उद्योग की सांस फूलती रहेगी।’ दुनिया में इन तत्वों के खनन में चीन की हिस्सेदारी 70 फीसदी तक है जबकि दुर्लभ खनिज मैग्नेट के उत्पादन में इसका योगदान लगभग 90 फीसदी तक है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को ई-मेल भेजे मगर उनके प्रवक्ताओं ने कोई जवाब नहीं दिया।

First Published - June 29, 2025 | 10:43 PM IST

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